नवरात्रि का त्योहार देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है,आज दुर्गा नवमी का दिन है,इन दिन बहुत से लोग कन्‍याओं को भोजन कराते हैं, पुरे देशभर में 9 दिनों तक नवरात्रि की रौनक देखने को मिलती है,वहीं दुर्गा पूजा के नाम से सबसे पहला खयाल बंगाल का आता है,बता दे की पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का एक अलग ही महत्व है क्योकि यहां दुर्गा पूजा खास अंदाज में की जाती है, आइए जानें किस खास अंदाज में बंगाल में दुर्गा पूजा की जाती है।

बंगाल में दो तरह से दुर्गा पूजा होती है,एक पारा की दुर्गा पूजा और दूसरी बारिर दुर्गा पूजा, ये बंगाली शब्द हैं बता दे की पारा की पूजा में घर के आसपास, मोहल्ले और पड़ोस में होती है और बारिर दुर्गा पूजा के दौरान लोग घरों में देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करते हैं और देवी दुर्गा की नौ दिनों तक विधि विधान से पूजा की जाती है यहाँ बारी का मतलब घर से है।


यहां बड़ी संख्या में लोग देवी दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं,इसके अलावा यहां रंगोली से प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है जिनमे लोग बढ़ चढ़कर भाग भी लेते हैं,वाकई ये नजारा देखने लायक होता है।

बारिर दुर्गा पूजा के दौरान घरों में देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है यहाँ बारिर का मतलब घर है और इस पूजा को पुरानी परंपराओं का ध्यान रखकर किया जाता है और घर-परिवार के सभी लोग इस पूजा में शामिल होते हैं।

इन दोनों पूजा की रस्मे भी अलग होती है और की दुर्गा पूजा के दौरान जगह-जगह सुंदर पड़ाल थीम के अनुसार सजाए जाते हैं इसके अलावा यहां अलग-अलग चीजों के स्टॉल लगाए जाते हैं।

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