Lathmar Holi 2021: आज बरसाने में खेली जा रही है लट्ठमार होली, जानिए इसके बारे में
29 मार्च को देशभर में होली का त्योहार मनाया जाएगा। लेकिन मथुरा में, होली का त्योहार एक सप्ताह पहले शुरू होता है। इसकी शुरुआत फाल्गुन माह के आठवें दिन लड्डू होली से होती है। इसके बाद लठमार होली है। लट्ठमार होली हर साल फाल्गुन महीने के नौवें दिन खेली जाती है। होली दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस होली को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। आज लट्ठमार होली है। पता करें कि इसकी परंपरा कब शुरू हुई।
राधारानी का जन्म बरसाना में हुआ था। राधा भगवान कृष्ण की प्रेमी थीं। ऐसा माना जाता है कि एक बार श्रीकृष्ण राधारानी के साथ होली खेलने के लिए अपने दोस्तों के साथ बरसाना पहुंचे। यहां उसने राधारानी और उसके दोस्तों को बहुत परेशान किया। इसके बाद, राधारानी और उनके साथी लाठी लेकर कृष्ण और उनके साथियों के पास दौड़े। तभी से बरसाने में लट्ठमार होली की परंपरा शुरू हुई। यह होली हर साल बड़े पैमाने पर मनाई जाती है।
लट्ठमार होली के दिन सुबह से ही तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। दिन बढ़ने के साथ नंदगाँव के लोग बरसाना पहुँच जाते हैं। गाने गाते, गुलाल उड़ाते और एक दूसरे के साथ मजाक करते। इसके बाद वहाँ की महिलाएँ नंदगाँव के पुरुषों पर लाठियाँ बरसाती हैं और वे ढालों से अपना बचाव करते हैं।
होली खेलने वाले पुरुषों को होरियारे और महिलाओं को हुरियारिन कहा जाता है। लट्ठमार होली पूरी दुनिया में महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण है। लाठी के साथ, महिलाएं अपनी शक्ति का प्रदर्शन चुलबुले तरीके से करती हैं और पुरुष इसे सहर्ष स्वीकार करते हैं। लट्ठमार होली के अगले दिन, वहां रंगों की होली खेली जाती है।