दिल्ली के 7 अजूबे की खासियत जानकर, हो सकते है हैरान
दुनिया के सात अजूबों कोई हर कोई देखना और निहारना चाहता है। इसके लिए हमे एक या दो नहीं कई जगह जाने की जरूरत पड़ेगी। लेकिन कोटा में इन सात अजूबों को एक साथ कर के कोटा को और भी मशहूर बना दिया है। यहां आप दुनियां के इन सात अजूबों को एक सात छोटे स्तर पर देख सकते है। वहीं अब दिल्ली में भी बिल्कुल इसी तरह है दुनिया के सात अजूबे हाल ही में कुछ दिनों पहले तैयार किये गए है। दिल्ली के सराय काले खां बस टर्मिनल के पास 'वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड पार्क' में सार्वजनिक तौर पर इन सात अजूबों को खोल दिया गया है। इस पार्क में दुनिया के सात अजूबों के रेप्लिका मौजूद है। लेकिन इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये सारे रेप्लिका, कबाड़ और रद्दी से तैयार किये गए है।
- सबसे पहले बात करें हम 'गीजा का ग्रेट पिरामिड' की, तो दिल्ली का ये 'गीजा का ग्रेट पिरामिड' पूरा स्क्रैप से बनाया गया है।
- दिल्ली का 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' को कबाड़ से बनाया गया है।
- दिल्ली के 'वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड पार्क' में मौजूद 'आगरा का ताजमहल' साइकल के स्पेयर पार्ट्स से तैयार किया गया है।
- 'लीनिंग टावर ऑफ पीसा' की शानदार मीनार को रद्दी और कबाड़ से तैयार किया गया है।
- ब्राजील के रियो डी जनेरिया में स्थित 'ईसा मसीह 'की मूर्ति को पुराना लोहा (आयरन ) से तैयार किया है।
- कोलोसियम के अजूबे के रेप्लिका को स्क्रेप से बनाया गया है। आपको बता दे कि ये रोम में स्थित है।
- पेरिस के आइफिल टावर को आप दिल्ली के 'वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड पार्क' देख सकते है। इसे पुराने आयरन और कबाड़ से तैयार किया गया है।
जानकारी के अनुसार ये आइडिया पहले से ही मौजूद कोटा के 'सेवन वंडर पार्क' से लिया गया है। यहां आने के लिए आपको एंट्री चार्च भी देना होगा।