जानिए क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हार्ट डे, कैसे हुई इसकी शुरुआत
अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में दिल का ख्याल रखना बेहद जरुरी है,पिछले कुछ समय में दिल की बीमारी से जुड़े कई मामले सामने आए हैं,हर साल दुनियाभर में दिल की बीमारी के चलते हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं, हर साल पूरी दुनिया में करीब 17 मिलियन लोगो की मौत सिर्फ दिल की बीमारी के चलते होती है,आपको बता दें कि जाने-माने कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का निधन भी दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ
'वर्ल्ड हार्ट डे' के मौके पर आज हम बताएंगे कि हर साल इस दिन को क्यों मनाया जाता है,लोगों के बीच हार्ट की बढ़ रही समस्या को देखते हुए वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन ने वर्ल्ड हार्ट डे मनाने पर विचार किया
तो आइए हम जानते हैं कि इस दिन का क्या इतिहास है और क्यों मनाया जाता हैं।
साल 1997 से 1999 तक वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष एंटोनी बेयस डी लूना ने इस पर विचार किया था,जिसके बाद 24 सितंबर 2000 से 2011 तक इस दिन को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया गया, उस समय यह दिन सितंबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता था,अब हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता हैं।
वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर हर साल 90 से भी ज्यादा देश हिस्सा लेते हैं, इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद लोगों को दिल की होने वाली बीमारी के प्रति जागरुक करना है. इसके साथ ही, हार्ट को सवस्थ्य रखने के लिए उचित आहार और व्यायाम की सलाह देना हैं।
हृदय रोग का मुख्य कारण धूम्रपान, खराब डाइट और व्यायाम की कमी हैं।
हृदय रोग को लेकर एक गलत धारणा बनी हुई है कि यह विकसित देशों के लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है,लेकिन आपको बता दें कि हृदय रोग से 80 फीसदी से भी ज्यादा मौतें मध्यम और निम्न आय वाले देशों में होती हैं