जानिए पेट्स की आबादी जापान में बच्चों से ज़्यादा क्यों हो रही है?
जापान एक ऐसा देश बन रहा है, जहां बूढ़े लोगों की आबादी बढ़ रही है और जन्मदर घट रही है। इसके पीछे की साफ वजह यही है कि जापान के लोग बच्चों की जगह पालतू जानवरों को तरजीह दे रहे हैं। जापान पेट एसोसिएशन के मुताबिक, देश में 16 साल के बच्चों की आबादी 1.7 करोड़ है, जबकि बल्लियों और कुत्तों की तादाद 2 करोड़ तक पहुंच गई है।
लेकिन पेट्स को तरजीह देने के पीछे वजह क्या है?
ज़्यादा से ज़्यादा लोग पेट्स को गोद लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं, और इसके पीछे वजह यह है कि बच्चों की तुलना पेट्स को संभालना ज़्यादा आसान है। बच्चों की तरह उनकी दिनभर देखभाल नहीं करनी पड़ती। साथ ही बच्चों की तरह उनपर इतना खर्चा भी नहीं होता।
तनाव दूर करने का काम करते हैं पेट्स
हेक्टिक वर्क शेड्यूल और समय की कमी के कारण भी जापान के लोग बच्चे नहीं चाहते हैं। पेट्स उन्हें कभी अकेला महसूस नहीं होने देने, उनके साथ वक्त बिताने से आप सारी परेशानियों को भूल जाते हैं, जिससे तनाव कम होता है। जापान में कई लोगों ने पेट्स को लेकर कई बिज़नेस भी शुरू किए हैं। कई लोग पेटसिटिंग के पैसे लेते हैं और आपके पेट को कुछ समय या दिनों के लिए अपने रखते हैं और उनकी पूरी देखभाल करते हैं।
जापानी लोग जीवन भर अपने पेट्स की देखभाल करते हैं
जापान में ज़्यादातर लोग बोद्ध धर्म को मानते हैं और अपने पेट्स के अंतिम संस्कार के लिए काफी पैसा भी ख़र्च करते हैं। यहां तक कि अंतिम संस्कार को लेकर भी कई श्रेणियां हैं, जिसमें आम से लेकर डीलक्स ऑप्शन्स उपलब्ध हैं। एक सिम्पल अंतिम संस्कार की कीमत 67,000 रुपये से ऊपर जा सकती है, वहीं लग्जरी अंतिम संस्कार में मालिकों को करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं।