हर साल दिवाली से 2 दिन पहले धनतेरस मनाने की परंपरा है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और कुबेर का पूजन होता है। इस साल धनतेरस 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कोई भी समान लेना बहुत ही शुभ माना जाता है।

इस दिन गणेश-लक्ष्मी को घर लाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी और कुबेर की पूजा के साथ-साथ यमराज की भी पूजा की जाती है। पूरे वर्ष में एक मात्र यही वह दिन है, जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है। यह पूजा दिन में नहीं की जाती, अपितु रात होते समय यमराज के निमित्त एक दीपक जलाया जाता है।

धनतेरस पूजा मुहूर्त- शाम 07.08 बजे से रात 8.14 बजे तक

अवधि- 1 घंटा 06 मिनट

धनतेरस के दिन तांबे, पीतल, चांदी के नए बर्तन खरीदना काफी जरूरी और शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन खील बताशे और मिट्टी के दीपक, एक बड़ा दीपक भी जरूर खरीदें. इन सब के अलावा इस दिन जेवर खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है।

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