जैसा कि आप जानते है तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे फांसी होने वाली है और अब दोषियों के चेहरे पर डर साफ नजर आने लगा है। उनकी हालत और स्वास्थ्य पर निगरानी रखने के लिए डॉक्टर भी हैं। लेकिन आपको आज हम बताएँगे कि फांसी के बाद शव के साथ क्या किया जाता है।


नियम के अनुसार जब किसी आरोपी को फांसी दी जाती है तो उसके शव के अंतिम संस्कार के लिए परिवार को एक लिखित दरख्वास्त देनी होती है। ऐसे में परिवार को यह भी लिखित पत्र देना होता है कि शव के अंतिम संस्कार के दौरान किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। लेकिन अगर सुप्रीटेंडेंट को ऐसा लगता है कि शव के अंतिम संस्कार के दौरान किसी तरह का प्रदर्शन हो सकता है को वह शव को परिवाक को सुपुर्द किये जाने की अपील को खारिज कर सकते हैं।

नियम के अनुसार आरोपी को फांसी दिये जाने के बाद उसके शव को पूरे सम्मान के सात जेल से बाहर भेजा जाता है। इसके लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल के द्वारा उसे अंतिम संस्कार के स्थल पर पहुंचाया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के खर्च को सुप्रीटेंडेंट वहन करते हैं जिसमें शव को अंतिम संस्कार स्थल तक पहुंचाने और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया आती है।

Related News