इंटरनेट डेस्क। रक्षाबंधन एक ऐसा त्यौहार है जो स्नेह, प्यार, देखभाल, स्नेह और पवित्र भावना को विकसित करने का अच्छा अवसर माना जाता है। यह त्यौहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेता है। इस दिन, बहन दिया, चावल, राखी और मिठाई के साथ पूजा की थाली तैयार करते है। इसके बाद वह मन्त्रों का उच्चारण करते हुए अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है।

ज्योतिषीय रूप से, राखी का यह पवित्र धागा संरक्षण, प्रतिबद्धता और शुभकामना का प्रतीक है। प्रत्येक व्यक्ति का उसकी कुंडली के अनुसार एक विशिष्ट भाग्यशाली रंग, दिशा होती है। ऐसा माना जाता है कि जब एक बहन भाई के माथे पर एक विशिष्ट तिलक लगाती है और एक विशेष दिशा में मुख करते हुए एक ख़ास रंग का धागा बांधती है, तो यह अनुष्ठान उसकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति में सुधार करता है।

मेष - इस राशि के जातकों को सिन्दूर का तिलक लगाना चाहिए और पश्चिम दिशा की तरफ मुख करते हुए लाल रंग का 9 गांठ वाला धागा बांधना चाहिए।

वृषभ - आपको सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाकर 6 गांठ वाला नीला धागा बांधना चाहिए। इस दौरान आपका मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए।

मिथुन - आपको राखी के दिन केसर का तिलक लगाकर उत्तर दिशा की तरफ देखते हुए 5 गांठ वाला हरे रंग का धागा बांधना चाहिए।

मकर - आपको काजल का तिलक लगाकर 8 गांठ के साथ काला धागा दक्षिण दिशा की तरफ मुख करते हुए बांधना चाहिए।

कुंभ - आपको सफ़ेद चन्दन का तिलक लगाकर 7 गांठ वाला बैंगनी धागा बांधना चाहिए। इस दौरान आपका मुख दक्षिण दिशा में होना चाहिए।

मीन - आपको हल्दी चावल का तिलक लगाकर पूर्व दिशा की ओर मुख करते हुए 3 गांठ के साथ पीला धागा बांधना चाहिए।

रक्षाबंधन के दिन जो भाई-बहन दूर रहते है और मिल नहीं सकते है, इस स्थिति में बहन को भगवान कृष्ण की कलाई पर पीले रंग का धागा बांधना चाहिए और इस दौरान 'ॐ नमः विष्णवे नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।

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