कंडोम का इस्तेमाल आज के समय में बहुत से लोग करते हैं लेकिन फिर भी इसके बारे में खुल कर बात करने में असहज महसूस करते हैं। कंडोम हमें एचआईवी एड्स जैसी बिमारियों से बचाने के साथ अनचाहे गर्भ से भी सुरक्षित रखता है। लेकिन क्या आप कंडोम का इतिहास जानते हैं? आज हम आपको इसी के इतिहास के बारे में बताने जा रहे है।

18वीं शताब्दी में लिनन और रेशम से बनाए जाते थे कंडोम
Gynaecology Centres Australia की एक रिपोर्ट के अनुसार यूरोप में कंडोम का इतिहास मध्य युग में शुरू हुआ। उस समय Syphilis बीमारी एक महामारी के रूप में सामने आई जिसके बाद साल 1964 में इटली के एक डॉक्टर गैब्रिएल फैलोपियो ने ये लिखा कि लिनन बैग को नमक या अन्य जड़ी बूटियों के घोल में डुबाकर इस्तेमाल करें तो Syphilis से सुरक्षा मिल सकती है। इसके बाद समय आगे बढ़ा और 18वीं शताब्दी में लिनन और रेशम से बने कंडोम का इस्तेमाल किया जाने लगा। लोग बकरी और मेमनों की आंत से बने कंडोम भी इस्तेमाल करते थे।

कहाँ से आया कंडोम शब्द
रिपोर्ट की मानें तो कंडोम शब्द संभवतः लैटिन भाषा के Condus से लिया गया है, इसका अर्थ पात्र यानि किसी चीज को रखने में इस्तेमाल की जाने वाली थैली या कोई और चीज होता है।

लेकिन कुछ लोगों का कहना है कि साल 1645 में ब्रिटिश सेना के डॉक्टर कर्नल क्वांडम ने जानवर की आंत से दुनिया का पहला कंडोम बनाया था. यही वजह है कि डॉक्टर के नाम पर इसे कंडोम नाम मिल गया। लेकिन ये बेहद महंगे थे।

इसके बाद साल 1839 में चार्ल्स गुडइयर ने प्राकृतिक रबर से कंडोम बनाने का एक तरीका ढूंढ निकाल। ये लचीला तो था ही इसके साथ टिकाऊ भी था, जो आसानी से नहीं फटता था। उस समय मर्दों को सलाह दी जाती थी कि वे प्राकृतिक रबर से बने कंडोम को धोकर तब तक इस्तेमाल कर सकते हैं जबतक वह फट न जाए.

हजारों साल पुरानी पेंटिंग्स में दिखा था कंडोम जैसा चित्र
इसके अलावा mtv.com की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस की एक गुफा में हजारों साल पुरानी पेंटिंग मिली थी। ये पेंटिंग 12 हजार से 15 हजार साल पुरानी थी। इसमें कंडोम जैसे चित्र बने थे। इस पर ऐसे कयास भी लगाए जाते हैं कि कंडोम का इस्तेमाल आदि मानव भी किया करते थे। लेकिन इसके बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है।

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