आज कार्तिक मास की पूर्णिमा की रात्रि देव दिवाली मनाई जा रही है, बता दें कि गत 29 नवंबर को दोपहर 12:47 बजे से ही कार्तिक पूर्णिमा लग चुकी है और आज 30 नवंबर को रात्रि 2:59 बजे इसका समापन होगा, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, स्वर्ग से देवता आकर कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाते हैं, इसके अलावा यह भी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पाप कर्मों का नाश होता है और मनुष्य के चित्त की शुद्धि होती है।

देव दिवाली के दिन पूजा करने और दीपदान करने का विशेष महत्व है।

देव दिवाली पर पूजा करने का शुभ मुहूर्त 30 नवंबर को शाम के समय 05.08 बजे से लेकर 07.47 बजे तक है। देवदिवाली के दिन पवित्र जल से स्नान कर घाट किनारे दीपदान का विशेष महत्व है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देव दीवाली के दिन मिट्टी के दिए दान करने से जातक के जीवन पर भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता है, ऐसा करने से जीवन में सुख, ऐश्वर्य, खुशहाली और धन, वैभव बना रहता है। लेकिन कभी भी खाली मिट्टी के दिए का दान नहीं करना चाहिए अपितु घी में रुई की बाती और घी डालकर ही मंदिर में दीपदान करना श्रेष्ठ माना गया है। हालांकि लोग तालाब में और पवित्र पेड़ के नीचे भी दीपदान करते हैं।

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