इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बता दे की हिन्दू धर्म में प्रत्येक भगवान् को प्रसन्न करने के लिए और उनके पूजन के लिए विशेष दिन को चुना गया है। इन्ही में से एक है बृहस्पतिवार अर्थात गुरुवार जिसे सामान्य भाषा में वीरवार के नाम से भी जाना जाता है।

बृहस्पतिवार को जगतपालक श्री हरि विष्णु जी के व्रत और पूजन के लिए उपयुक्त माना गया है। गुरुवार का व्रत बड़ा ही फलदायी माना जाता है। गुरुवार के दिन श्री हरि विष्णुजी की पूजा का विधान है। कई लोग बृहस्पतिदेव और केले के पेड़ की भी पूजा करते हैं। दोस्तों आज आपको गुरुवार के दिन का व्रत करने की विधि बता रहे है जिसे अपनाकर आप भगवान विष्णु कृपा पा सकते है। तो दोस्तों आप भी इस विधि के बारे में जान लीजिये।

दोस्तों आपको बता दे की गुरुवार की पूजा विधि-विधान के अनुसार की जानी चाहिए। व्रत वाले दिन सुबह उठकर बृहस्पति देव का पूजन करना चाहिए. बृहस्पति देव का पूजन पीली वस्तुएं, पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का, पीली मिठाई, पीले चावल और हल्दी चढ़ाकर किया जाता है। इस व्रत में केले के पेड़ की का पूजा की जाती है। कथा और पूजन के समय मन, कर्म और वचन से शुद्ध होकर मनोकामना पूर्ति के लिए बृहस्पतिदेव से प्रार्थना करनी चाहिए। ऐसे करने से आपको कई लाभ मिलेंगे और आपके घर में सुख शांति बनी रहेगी।

दोस्तों आपको बता दे की जल में हल्दी डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाना चहिये। केले की जड़ में चने की दाल और मुनक्का चढ़ाएं साथ ही दीपक जलाकर पेड़ की आरती उतारें। दिन में एक समय ही भोजन करना चाहिए। खाने में चने की दाल या पीली चीजें खाएं, नमक न खा‌एं, पीले वस्त्र पहनें, पीले फलों का इस्तेमाल करना चाहिए। पूजन के बाद भगवान बृहस्पति की कथा सुननी चाहिए।

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