जानिए पाकिस्तान में देवी के 2000 साल पुराने शक्ति पीठ का इतिहास
लाहौर: पूरे भारत में नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की बड़े उत्साह और धूमधाम से पूजा की जाती है। वैसे तो हमारे देश में देवी के अनगिनत मंदिर हैं जहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन देवी शक्ति पीठ पाकिस्तान में भी स्थित है। जहां नवरात्र के नौ दिनों तक विशेष रूप से शक्ति पूजा का आयोजन किया जाता है। यहां देश भर से श्रद्धालु आते हैं।
गौरतलब है कि दुर्गा माता के देशभर में कुल 51 'शक्ति पीठ' हैं। 51 में से 42 भारत में हैं और शेष 1 तिब्बत में, 1 श्रीलंका, 2 नेपाल, 4 बांग्लादेश में और 1 पाकिस्तान में स्थित है। 51 शक्तिपीठों में से एक बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद है जहां सभी पापों का नाश होता है। मंदिर ऊंचे पहाड़ों की तलहटी में एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है। इतिहास बताता है कि सुरम्य पहाड़ियों की तलहटी में स्थित यह गुफा-मंदिर 2000 साल पुराना है। कोई मनुष्य निर्मित नहीं है, बल्कि एक मिट्टी की वेदी है, जहां एक छोटे आकार की चट्टान को हिंगलाज माता के रूप में पूजा जाता है।
यह नवरात्रि के नौ दिनों के लिए शक्ति पूजा के लिए एक विशेष घटना है। जिसके लिए सिंध-कराची से लाखों सिंधी हिंदू श्रद्धालु यहां देवी की पूजा करने आते हैं। भारत से भी एक टीम हर साल दर्शन के लिए जाती है। हालांकि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के पास स्थित यह मंदिर हिंदू भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। लेकिन इस पावर बेंच की देखभाल वहां के स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग करते हैं।