कहते है जैसा कर्म करोगे वैसा ही जन्म मिलेगा , वेद-व्‍यास जी के अनुसार जो व्यक्ति पराई औरत से संबंध बनाता है उसे भयानक नर्क भोगना पड़ता है। इसके बाद एक के बाद एक अलग-अलग योन‍ियों में भटकना पड़ता है

महर्षि के अनुसार जो किसी का कत्ल करता है वो यह जघन्‍य अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसा कर्म करने वाला अगले जन्‍म में गधा बनता है। लेकिन यद‍ि वह जिस शस्‍त्र से हत्‍या करता है उसी से उसकी भी हत्‍या हो जाए तो उसे मृग योन‍ि मिलती है। फिर वह मछली, कुत्ता और बाघ बनता है। इसके बाद उसे मनुष्‍य योन‍ि में जन्‍म मिलता है।


जो व्‍यक्ति सदैव दूसरों की मदद करता है। जरूरतमंदों की मदद करता है और पशु-पक्षी और अन्‍य जीवों पर दया करता है। नि:स्‍वार्थ भावना से संच‍ित धन का उपयोग धार्मिक कार्यों में करता है तो ऐसे व्‍यक्ति अगले जन्‍म में मनुष्‍य योन‍ि में ही जन्‍म लेते हैं।

महर्षि वेदव्यास के अनुसार जो स्त्रियों का सम्मान नहीं करता है तो वह भेड़‍िए के रूप में जन्‍म लेते हैं। इसके बाद वह कुत्‍ता बनते हैं, फिर स‍ियार, गिद्ध, सांप, कौआ और बगुला बनते हैं। फिर उसे मनुष्य जन्म प्राप्त होता है।


महर्षि ने बताया क‍ि बड़ा भाई प‍िता तुल्‍य होता है। अगर कोई अपने भाई का अनादर करता है तो अगले बार उसे कौंच नामक पक्षी के रूप में जन्‍म लेना पड़ता है। उसका जन्‍मकाल 10 वर्षों का होता है। अगर उस समय ईश्‍वर कृपा दें तो वह अगले जन्‍म में मनुष्‍य योन‍ि में जन्‍म लेता है।


वेद-व्‍यासजी के अनुसार व्‍यक्ति वस्‍त्रों की चोरी करता है तो वह अगले जन्‍म में तोता बनता है। वहीं सुगंध‍ित पदार्थों की चोरी करने वाले छछूंदर के रूप में जन्‍म लेता है।


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