करवा चौथ का व्रत शादीशुदा महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सलामती के लिए बहुत सख्त निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। कल करवा चौथ मनाया जाएगा।

व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले सरगी खाने से होती है, जो सास अपनी बहू को देती है।

सोलह श्रृंगार- थाली में सबसे पहली चीज है सोलह श्रृंगार। सोलह श्रृंगार में 16 दुल्हन के अलंकरण होते हैं जैसे सिंदूर, बिंदी, मंगलसूत्र, आदि।



फल- सरगी की थाली में ताजे और मौसमी फलों का बहुत महत्व होता है। थाली में हमेशा ताजे और मौसमी फल रखें ताकि जो महिलाएं सरगी खाने के बाद व्रत रखती हैं वे दिन भर तरोताजा महसूस करें। इसमें सेव और अनानास जैसे फलों का सेवन करने से आप पूरे दिन ऊर्जा से भरपूर रह सकते हैं।

मिठाई- सरगी की थाली में मिठाई या दूध आधारित खीर रखना बहुत जरूरी है। मिठाई में बड़ी मात्रा में ग्लूकोज और सुक्रोज होते हैं, दो पोषक तत्व जो आपके शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करते हैं।

सूखा भोजन- करवा चौथ के दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में शरीर में डिहाइड्रेशन जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सरगी की थाली में सूखा खाना और नारियल शामिल करें। इससे आपको पूरे दिन के लिए एनर्जी मिलेगी।

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