By Jitendra Jangid- दोस्तो आपने, हमने देखा हैं कि हिंदू धर्म में जब कभी कोई शुभ कार्यों को करने के लिए निकलते हैं, तो माथे पर कुमकुम तिलक लगाना एक आम प्रथा है। यह कोई आम बात नहीं इसका हिंदू धर्म में गहरा महत्व हैं, जो आशीर्वाद, सुरक्षा और दैवीय संबंध का प्रतीक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिलक अगर सही प्रथा से नहीं किया जाएं, तो यह अशुभता का कारण बनता हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको तिलक कैसे लगाना चाहिए इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे-

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मन और आत्मा से संबंध: तिलक लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली उँगलियाँ मन और मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं, जिससे इस क्रिया के पीछे आध्यात्मिक अनुभव और इरादे बढ़ते हैं।

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प्रत्येक उँगली के लिए विशिष्ट उद्देश्य:

अंगूठा: शक्ति और इच्छाशक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। अंगूठे से तिलक लगाना शक्ति, सफलता और जीत के आशीर्वाद से जुड़ा है। इसे पारंपरिक रूप से महत्वपूर्ण प्रयासों से पहले इस्तेमाल किया जाता है।

तर्जनी: यह उँगली मृतक को श्रद्धांजलि देने से जुड़ी है। इसका उपयोग कभी भी किसी जीवित व्यक्ति को तिलक लगाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

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मध्यमा उंगली: शनि ग्रह से जुड़ी, मध्यमा उंगली का उपयोग स्वास्थ्य, धन और समृद्धि के आशीर्वाद के लिए किया जाता है। बड़े लोग अक्सर इस उंगली से बच्चों को तिलक लगाते हैं, उनकी दीर्घायु और सुरक्षा की कामना करते हैं।

अनामिका: भक्ति और प्रतिबद्धता का प्रतीक, अनामिका उंगली से तिलक लगाने से मानसिक स्थिरता, बुद्धि और शांति बढ़ती है।

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