शनिवार के दिन, कई भक्त शनि देव की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिए दान-पुण्य करते हैं। इसके अतिरिक्त, हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए विशेष कार्य किए जा सकते हैं, जिनकी इस दिन पूजा भी की जाती है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि शनिवार के दिन कौनसे कार्य करने से अटके काम बन जाते हैं-

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शनिदेव और हनुमान जी की कहानी

धार्मिक ग्रंथ एक प्रसंग का वर्णन करते हैं जहां शनिदेव को रावण ने पकड़ लिया था। हनुमान जी ने लंका भ्रमण के दौरान शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त कराया था। अपनी स्वतंत्रता के लिए आभारी शनिदेव ने हनुमान जी को वचन दिया कि वे हनुमान जी के भक्तों पर कभी भी कठोर दृष्टि नहीं डालेंगे। नतीजतन, माना जाता है कि भगवान हनुमान की पूजा करने से शनि के बुरा प्रभाव कम हो जाते हैं। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जिन्हें आप दोनों देवताओं का आशीर्वाद पाने के लिए शनिवार को अपना सकते हैं।

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ब्रह्मचर्य का पालन करें और हनुमान जी की पूजा करें:

हनुमान जी को ब्रह्मचारी देवता के रूप में पूजा जाता है। शनिवार के दिन आपको ब्रह्मचर्य का पालन भी करना चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए। इससे ना सिर्फ हनुमान जी बल्कि शनिदेव की भी कृपा मिलती है।

प्रातःकालीन अनुष्ठान:

सुबह स्नान-ध्यान करने के बाद तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें सिन्दूर मिलाएं। किसी हनुमान मंदिर जाएं और हनुमान जी की मूर्ति पर यह जल चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें और गुड़, चना व अन्य वस्तुएं अर्पित करें। माना जाता है कि यह अभ्यास जीवन में प्रगति लाता है और शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है।

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ज़रूरतमंद की मदद करो:

शनिवार के दिन असहाय और जरूरतमंद व्यक्तियों की सहायता करने से शनिदेव आपकी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं। दयालुता का यह कार्य हनुमान जी के आशीर्वाद को भी आकर्षित करता है।

हनुमान चालीसा का पाठ करें:

यदि समय हो तो श्रद्धापूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि शनिदेव और हनुमान जी दोनों प्रसन्न होते हैं। इसके अतिरिक्त, सुंदरकांड का पाठ करने से शनि की साढ़ेसाती, दशा और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव कम हो सकते हैं।

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