हिंदू धर्मशास्त्रों में वर्णित है नींद से जुड़ी यह बातें, रखें ध्यान तो बदल जाएगी किस्मत
दोस्तों, यह बात सभी जानते हैं कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी होता है। लिहाजा साफ-सुथरा बिस्तर, शयनकक्ष का शांतिपूर्ण महौल अच्छी नींद लेने में सहायक साबित होते हैं। बता दें कि विज्ञान के अलावा हिंदू धर्मशास्त्रों में भी नींद से जुड़े कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनका अनुसरण कर आप जीवन के सभी क्षेत्रों में सकारात्मक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- देवी भागवत में कहा गया है कि ब्रह्ममुहुर्त में जगने से मनुष्य दीर्घायु बनता है।
- पद्मपुराण के अनुसार, अंधेरे कमरे में कभी नहीं सोना चाहिए।
- अत्रि स्मृति में वर्णित है कि भीगे पैर नहीं सोना चाहिए, सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है
- मनुस्मृति के मुताबिक देव मंदिर, श्मशान और सूने घर में कभी अकेले नहीं सोना चाहिए।
- चाणक्य नीति में उल्लेखित है कि द्वारपाल, नौकर और विद्यार्थी देर तक सोएं तो, इन्हें जगा देना चाहिए।
- विष्णु स्मृति में कहा गया है कि किसी सोते हुए मनुष्य को अचानक नहीं जगाना चाहिए।
- ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है।
- बाईं करवट सोना स्वास्थ्य के लिए हितकर है।
- ललाट पर तिलक लगाकर सोना अशुभ है। इसलिए सोते वक्त तिलक हटा दें।
- दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से कान में हवा भरती है तथा मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है। जिससे असंख्य बीमारियों के होने का डर बना रहता है।