भारत द्वारा खरीदे जाने वाले कच्चे तेल की टोकरी बढ़कर 121 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गई है, खुदरा पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपरिवर्तित बनी हुई हैं। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के आंकड़ों अनुसार, भारतीय बास्केट 9 जून को 121.28 अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया, जो फरवरी और मार्च 2012 में देखा गया था।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर कच्चे तेल की भारतीय बास्केट 25 फरवरी से 29 मार्च के बीच औसतन 111.86 डॉलर प्रति बैरल थी, जिसने तेल में आग लगा दी थी। 30 मार्च से 27 अप्रैल के बीच इसका औसत USD103.44 प्रति बैरल था।

संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे महत्वपूर्ण उपभोक्ताओं की मजबूत मांग के कारण गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें 13-सप्ताह के उच्च स्तर के पास रहीं। अगस्त के लिए ब्रेंट क्रूड वायदा 81 सेंट गिरकर 122.26 अमरीकी डालर प्रति बैरल पर आ गया। जुलाई के लिए यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड की कीमत 79 सेंट नीचे USD120.72 थी। खुदरा पेट्रोलियम की कीमतें अभी भी जमी हुई हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेता इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दैनिक लागत के अनुरूप बदलाव करना अनिवार्य है, लेकिन वे तब से पंप दरों को कम कर रहे हैं। नवंबर 2021।

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