बहुत कम लोग हैं जो मुंबई जाते हैं और "मरीन ड्राइव" के बारे में बात नहीं करते हैं। बता दे की, मरीन ड्राइव निश्चित रूप से अपने अद्भुत दृश्यों से आपको दीवाना बना देगा। लोग यहां आते हैं, बैठते हैं और शांति का आनंद लेते हैं और चट्टानों से आने वाली पानी की लहरों की आवाज सुनते हैं। मुंबई मरीन ड्राइव के पीछे की कहानी आपको जरूर हैरान कर देगी। तो आइए जानते हैं मरीन ड्राइव के पीछे की कहानी

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, बहुत से लोग इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि एक समय में मरीन ड्राइव एक असफल परियोजना हुआ करती थी। मुंबई का बैकबे रिक्लेमेशन प्रोजेक्ट वर्ष 1860 में प्रस्तावित किया गया था, फिर 1920 के दशक में चालू किया गया था। मरीन ड्राइव योजना 1500 एकड़ की थी, लेकिन कुछ घरेलू और विदेशी मुद्दों के कारण केवल 440 एकड़ ही बची थी। जिसमें से उस समय सेना ने 235 एकड़ जमीन ली थी और 17 एकड़ बची थी जिसे आज हम 'मरीन ड्राइव' कहते हैं।

अरब सागर के साथ-साथ नरीमन पॉइंट पर सोसाइटी लाइब्रेरी और मुंबई स्टेट सेंट्रल लाइब्रेरी से चौपाटी होते हुए मालाबार हिल तक के क्षेत्र में है। बता दे की, मरीन ड्राइव के शानदार कर्व्स पर लगी स्ट्रीट-लाइट रात में इस तरह से जगमगाती है कि इसे क्वीन्स नेकलेस के नाम से जाना जाता है। यदि आप मरीन ड्राइव की तस्वीरों को देखें तो आपको खूबसूरत इंटरनेशनल बीच मियामी की याद आ जाती है।

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