Income Tax Return- टैक्स रिफंड पाने के इनकम टैक्स रिटर्न फाइन करते समय इन बातों का रखें ध्यान
जुर्माने से बचने और सुचारू रिफंड प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए तुरंत आयकर रिटर्न दाखिल करना महत्वपूर्ण है। आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए टैक्स रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई तय की है। इस समय सीमा का पालन न करने पर भारी जुर्माना लग सकता है। इसके संदर्भ में, करदाताओं को विभाग की सलाह पर ध्यान देना चाहिए और अनावश्यक परेशानियों से बचने के लिए समय पर अपना रिटर्न दाखिल करना चाहिए।
समय पर फाइलिंग क्यों मायने रखती है:
देर से दाखिल करने पर जुर्माना: निर्दिष्ट समय सीमा तक आयकर रिटर्न दाखिल करने में विफलता पर पर्याप्त जुर्माना लग सकता है।
आसान रिफंड प्रक्रिया: समय पर दाखिल करने से यह सुनिश्चित होता है कि करदाताओं को बिना किसी देरी या जटिलताओं के तुरंत अपना टैक्स रिफंड मिल सके।
आईटीआर कैसे दाखिल करें और रिफंड का दावा कैसे करें:
दाखिल करने की प्रक्रिया: करदाता आयकर विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए निर्दिष्ट पोर्टल के माध्यम से अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
रिफंड पात्रता: यदि काटा गया कर कुल देनदारी से अधिक है, तो करदाता अपने आयकर स्लैब के आधार पर रिफंड के हकदार हैं।
रिफंड स्थिति की जाँच करना: करदाता ई-फाइलिंग पोर्टल का उपयोग करके अपने रिफंड की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं। अपना पैन नंबर, मूल्यांकन वर्ष और मोबाइल नंबर दर्ज करके, वे मिनटों के भीतर अपने रिफंड की स्थिति तक पहुंच सकते हैं।
बचने के लिए सामान्य गलतियाँ:
गलत जानकारी: करदाताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आईटीआर फाइलिंग पोर्टल पर दी गई सभी जानकारी सटीक है। इसमें बैंक खाते की जानकारी, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और हस्ताक्षर जैसे विवरण शामिल हैं।
देरी और नोटिस: दाखिल करने में गलतियों के कारण रिफंड प्राप्त करने में देरी हो सकती है या यहां तक कि आयकर नोटिस भी भेजा जा सकता है। आयकर विभाग सभी जमा की गई जानकारी को सत्यापित करने के बाद ही रिफंड की प्रक्रिया करता है।
रिफंड स्थिति की जाँच करना:
ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं: करदाता ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर अपने रिफंड की स्थिति की जांच कर सकते हैं।
अपनी रिफंड स्थिति जानें: "अपनी रिफंड स्थिति जानें" विकल्प पर क्लिक करके और पैन नंबर, मूल्यांकन वर्ष और मोबाइल नंबर जैसे आवश्यक विवरण प्रदान करके, करदाता सत्यापन के लिए एक ओटीपी प्राप्त कर सकते हैं।
शीघ्र स्थिति अपडेट: ओटीपी दर्ज करने पर, करदाता तुरंत अपने आयकर रिफंड की स्थिति तक पहुंच सकते हैं।