दोस्तो भारत में अधिकांश लोगो के पास सेविंग बैंक अकाउंट हैं, इस अकाउंट का इस्तेमाल वो बड़ी समझदारी से करते हैं, लेकिन कई बार कुछ गलतियां कर देते हैं, जैसे नियम से ज्यादा पैसे डिपॉजिट करना, इसको देखते हुए सरकार ने नए नियम लागू किए हैं, इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य बड़ी मात्रा में नकद जमा को नियंत्रित करना और कर अधिकारियों को उचित रिपोर्टिंग सुनिश्चित करना है। आइए जानते हैं इस नियम की पूरी डिटेल्स

Google

1. नई रिपोर्टिंग आवश्यकताएँ:

नए नियमों के तहत, यदि आप एक वित्तीय वर्ष के दौरान अपने बचत खाते में ₹10 लाख से अधिक नकद जमा करते हैं, तो बैंकों को इन लेन-देन की सूचना आयकर विभाग को देनी होगी।

Google

2. बढ़ी हुई कर देयता:

यदि आप ₹10 लाख की नकद जमा सीमा को पार करते हैं, तो आपको एक महत्वपूर्ण कर दंड का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से, आयकर विभाग इस सीमा से अधिक राशि पर 60% कर लगा सकता है।

3. नकद जमा सीमा और पैन आवश्यकता:

पहले, एक बार में ₹50,000 या उससे अधिक नकद जमा करने पर रिपोर्टिंग की आवश्यकता होती थी, लेकिन अब यह सीमा बढ़कर ₹2.5 लाख हो गई है। आपको ऐसी जमाराशियों के लिए अपना पैन नंबर प्रदान करना होगा।

Google

4. अनुपालन और दंड:

वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये या उससे अधिक नकद जमा करने पर आयकर विभाग द्वारा जांच की जाएगी। यदि आप इन निधियों के स्रोत के बारे में संतोषजनक रूप से नहीं बता पाते हैं, तो आप पर 60% कर लगाया जा सकता है।

5. भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देश:

आरबीआई के नियमों के अनुसार, आप अतिरिक्त रिपोर्टिंग आवश्यकताओं का सामना किए बिना प्रति वित्तीय वर्ष बचत खाते में अधिकतम 10 लाख रुपये नकद जमा कर सकते हैं।

Related News