महाभारत के युद्ध के बारे में हम सभी जानते हैं। इस युद्ध में 100 कौरव 5 पांडवों से हार गए थे। पांडवों की जीत इसलिए हुई क्योकिं उनके साथ स्वयं श्री कृष्ण थे और भला श्री कृष्ण की चालाकी और मार्गदर्शन के आगे कौन जीत सकता है।

इस विनाशकारी युद्ध के अंत में अश्वत्थामा ने आधी रात के समय पांडवों के सभी पुत्रों का वध कर दिया था। माना जाता है कि अश्व्थामा आज भी जिंदा है और इस धरती पर भटक रहे हैं।

अश्वत्थामा ने भगवान शिव को प्रसन्न कर शिविर के अंदर जाने की अनुमति मांगी जहा पांडव पुत्र सो रहे थे। पांडवों को जब इस पूरी घटना का पता चला तो उन्होंने भगवान शिव को अपने पुत्रों की मृत्यु का जिम्मेदार मान लिया। वे सभी भगवान शिव से युद्ध करने के लिए पहुंच गए। लेकिन जैसे ही सभी पांडव भगवान शिव से युद्ध करने के लिए उनके सामने पहुंचे तो उनके सभी अस्त्र-शस्त्र शिवजी में समा गए। शिव जी ने उन्हें श्राप दिया कि तुम्हें कलयुग में मनुष्य रूप लेकर इसका दंड भोगना पड़ेगा। कहा जाता है कि कलयुग में भी पांडवों का जन्म हुआ है।

लेकिन आप ये बात नहीं जानते होंगे कि कलयुग में भी पांडवों का जन्म हुआ है और आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं कि कलयुग में पांडवों का जन्म कहाँ और किसके घर में हुआ है। इन सभी का वर्णन श्रीकृष्ण ने भविष्यपुराण में किया है।

  • कलयुग में अर्जुन का जन्म परिलोक नाम के राजा के यहाँ होगा और वे ब्रह्मानन्द नाम से जाने जाएंगे।
  • भीम का जन्म कलयुग में वीरण के नाम से होगा वनरस नाम के राज्य के राजा बनेंगे।
  • युधिष्ठिर वत्सराज नाम के राजा के पुत्र बनेंगे और कलियुग मे उन्हें मलखान नाम से जाना जाएगा।
  • नकुल कान्यकुब्ज के राजा रत्नभानु के यहाँ जन्म लेंगे और उनका नाम लक्ष्मण होगा।
  • सहदेव भीमसिंह नामक राजा के घर में जन्म लेंगे और उनका नाम होगा देवसिंह।
  • कलयुग में कर्ण का जन्म तारक नाम के राजा के रूप में होगा।
  • धृतराष्ट्र का जन्म अजमेर में पृथ्वीराज के रूप में होगा और द्रौपदी उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेंगी और उनका नाम होगा वेला।

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