इस गांव में नाम से नहीं सीटी बजाकर एक - दूसरे को बुलाते हैं लोग
आपने आज तक दुनिया में कई अजब - गजब, किस्से - कहानियां सुनी होंगी। जो सच है लेकिन यकीन करना मुश्किल है क्योंकि ये सिर्फ हमने किताबों के माध्यम से पढ़ी है। आज हम आपको कुछ इस तरह का अजीब तथ्य बताने जा रहें है, लेकिन इस पर आपको सच में यकीन होगा। इसे आप खुद जाकर भी देख सकते है। आइये बताते है आपको कुछ इसी तरह का रोचक तथ्य भारत एक नहीं कई चीज़ो के लिए मशहूर है। यहां किले - महल - बावड़ियां तो कभी खूसूरत पहाड़ियों और झरनों के वजह से यहां का हर एक शहर अपनी एक अलह पहचान किये है।
अब इसी छोटे से इसी गाँव को देख लीजिये ........ये गाँव सिटी बजाने के लिए फेमस है। मतलब की यहां पर एक - दूसरे को आवाज देकर नहीं बल्कि सिटी बजाकर बुलाया जाता है।
यहां लोगों को बुलाने के लिए अलग-अलग स्टाइल में व्हिसल किया जाता है। ये अनोखा गाँव, मेघालय के पूर्वी जिले खासी हिल के कांगथांन नाम की एक जगह पर बसा है। जिसे व्हिसलिंग विलेज के नाम से भी जाना जाता है। इस गांव में हर शख्स के दो नाम है। पहला हमारी और आपकी तरह ही नॉर्मल नाम और दूसरा व्हिसलिंग ट्यून नेम। गांव के लोग आपस में एक दूसरे को नॉर्मल नाम से बुलाने की बजाय व्हिसलिंग ट्यून नेम से ही बुलाते है।
खास बात यह है कि इसके लिए हर शख्स के लिए व्हिसलिंग ट्यून बिल्कुल अलग - अलग होती है।
यही अलग तरीका उनके नाम और पहचान का काम करती है। गांव में जब किसी बच्चे का जन्म होता है तो यह धुन उसको उसकी मां देती है फिर बच्चा धीरे-धीरे अपनी धुन पहचानने लगता है।
मेघालय के पूर्वी जिले में बसा यह एक छोटा सा गांव है इसमें लगभग 109 परिवार के 627 लोग रहते है। रोचक बात है कि सभी की अपनी अलग-अलग ट्यून है। मतलब इस गांव में कुल 627 अलग - अलग प्रकार की ट्यून है। ये ट्यून गांव के लोग प्रकृति के आवाज खासकर चिड़ियों की आवाज से नई धुन को बनाते है।