कुरुक्षेत्र स्थित इस प्राचीन मंदिर में महाभारत के दो योद्धाओं ने की थी पूजा
यह बात किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि हरियाणा के कुरूक्षेत्र में ही महाभारत का विनाशकारी युद्ध हुआ था। हिंदू धर्मग्रंथों के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश कुरूक्षेत्र में ही दिया था।
इस स्टोरी में आज हम आपको कुरूक्षेत्र के एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका श्रीकृष्ण और अर्जुन से गहरा संबंध है। जी हां, इस प्राचीन मंदिर में मां भद्रकाली की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन इसी पवित्र जगह पर कराया गया था।
यह भी मान्यता है कि महाभारत युद्ध शुरू होने से पहले श्रीकृष्ण ने अपने मित्र अर्जुन से इसी प्राचीन मंदिर में भद्रकाली की पूजा करने को कहा था। इसके बाद अर्जुन ने इसी स्थान पर मां भद्रकाली की पूजा की थी।
पूजा-अर्चना करने के बाद अर्जुन ने मां भद्रकाली से युद्ध में विजयी होने की मन्नत मांगी तथा जीत के बाद घोड़ा चढ़ाने का प्रण लिया था। कहा जाता है कि युद्ध जीतने के बाद अर्जुन ने अपना प्रण पूरा किया था। तभी से इस प्राचीन मंदिर में सोने, चांदी या फिर मिट्टी के घोड़े चढ़ाने की परंपरा कायम है।
गौरतलब है कि मां भद्रकाली के इस प्राचीन मंदिर में आज भी बड़ी संख्या में भक्त पूजा-अर्चना करने आते हैं तथा मन्नतें पूरी होने पर चढ़ावा भी चढ़ाते हैं।