परिवार ही है जो हमें बनाता है हर उस मुकाम पर पर पहुँचाता है जहा हम जाना चाहते है | परिवार साथ होता है तो हिम्मत बनी रहती है| अपनों का साथ हर मुसीबत और संकट के पहाड़ को भी राई बना देता है| परन्तु आजकल परिवार बहुत बिखर रहें है| परिवारों के बिखरने की वजह बहुत है जो मजबूरी में दूर जा रहें है वो ज़रूरी भी हो जाता है लेकिन कभी कभी अनजाने मे भी परिवार टूट जाते है| आपके साथ ऐसा न हो जाने वजह

पलायन :- किसी को भी अपना जन्म स्थान छोड़ना पसंद नही होता | लेकिन मजबूरी पेट पालने की हो या प्राकर्तिक कारण आपको न चाहते हुए भी अपना घर परिवार छोड़ना पड़ता है|
अकेले रहना पसंद: आज की पीड़ी को अपने बुजुर्गो का साथ कम भाता है वह अपने पार्टनर के साथ लिविंग रिलेशन के चलते अपने परिवार से दूर हो जाते है|
सोच का फर्क:- पीड़ी का अंतर हो या सास बहु के विचारों की लड़ाई या देवरानी जेठानी का आपसी कलह| स्वार्थ की इस लड़ाई में त्याग अपनों को ही करना पड़ता है|

बुरी लत :- जब बच्चे गन्दी लतो का शिकार हो जाते है तो माँ पिता के समझाने से भी बच्चे नही समझ पाते | तब या तो बच्चे खुद ही या पेरेंट्स ही उन्हें घर से निकाल देते है|
तलाक:- पति पत्नी का आपस में न बनना तलाक की बजह बनता है पर इससे पूरा परिवार खत्म हो जाता है| बच्चों को इस बात का खामियाजा भुगतना पड़ता है|
भेदभाव:- जब परिवार एक हो लेकिन अधिकारों में समानता न हो तो भी परिवार बिखर जाते है|

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