मच्छरों का आतंक गर्मी के मौसम में छाया रहता है। बता दे की, मच्छर मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियां फैलाते हैं, ऐसे में इनसे बचना भी जरूरी है। इन मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती से निकलने वाला धुआं न सिर्फ फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि कैंसर का कारण भी बन सकता है। पूजा में इस्तेमाल होने वाली कुंडलियां ही नहीं बल्कि पूजा में इस्तेमाल होने वाली सुगंधित अगरबत्ती भी सेहत के लिए उतनी ही हानिकारक होती है।

इस धुएं का संबंध फेफड़ों के कैंसर से है। मच्छर वाली बटेर को बंद कमरे में जलाना 100 सिगरेट पीने के बराबर है. कॉइल में पाया जाने वाला पाइरेथ्रिन एक कीटनाशक है जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। इनसे धुँआ तो नहीं है, मगर कार्बन मोनोऑक्साइड बहुत मात्रा में निकलती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे की, मच्छरों को भगाने के लिए आने वाली लिक्विड मशीनों पर अभी शोध होना बाकी है, मगर ये फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचाती हैं। पानी जमा हो वहां मिट्टी का तेल डालें। साथ ही घर को साफ सुथरा रखें। मच्छरदानी का उपयोग करना सबसे अच्छा तरीका है। विशेष रूप से जिनके बच्चे घर में छोटे और बुजुर्ग हैं, अन्यथा लंबे समय में फेफड़ों से संबंधित समस्या हो सकती है।

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