अगर 10 सेकंड सांस रोकने में हैं सक्षम तो नहीं हैं कोरोना वायरस, WHO ने बताई इसकी सच्चाई
कोरोना वायरस की महामारी पर रोजाना कई मिथक और अफवाहें सामने आ रही हैं, जैसे की सोशल मीडिया पर 10 सेकंड तक सांस रोकने से कोरोना का परीक्षण हो जाने वाली इस अफवाह पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कहा कि कोरोना के सामान्य लक्षण सूखी खांसी, बुखार और थकान हैं। कोरोना से पीड़ित कुछ लोगों में निमोनिया के लक्षण भी पाए जा सकते हैं।
किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस है या फिर नहीं, इस बात का पता सिर्फ लैब में टेस्ट से ही चल सकता है, 10 सेकंड तक सांस रोकने से कोरोना का परीक्षण हो जाने की बात झूठी है,ये बात समझनी जरूरी है कि कोरोना वायरस हवा के जरिए नहीं फैलता है, WHO इस बात की पुष्टि कर चुका है।
किसी शख्स के छींकने पर उसके नाक और मुंह से निकली ड्रॉपलेट्स 1 मीटर तक जा सकती हैं इसीलिए सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कहा गया है,सभी लोगों को कम से कम 1 मीटर की दूरी पर रहने की सलाह दी गई है।