शादी को लेकर सभी थोड़े चिंतित होते है, खासकर लड़के इतने ज्यादा कंफ्यूज होते है कि पूछो मत। वो सोचते है कि जिससे हमारी शादी होगी वो लड़की कैसी होगी? क्या उसके साथ जीवन अच्छे से बितेगा या कोई समस्या आयेगी? इस तरह की कई सारी बातें है जो विवाह के समय हमारी चिंता को और बढ़ा देती है।

वहीं शास्त्रों में भी कहा गया है कि योग्य इंसान से ही शादी करना चाहिए नहीं तो जीवन भर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

ऐसे में लोगो की टेंशन बढ़ जाती है की कैसे जाने की जिससे हमारी शादी हो रही है वह हमारे लिए सही है? वैसे इसका जवाब हम तो नहीं दे सकते है, लेकिन शास्त्रों में कुछ बाते बताई गई है जिनके अनुसार अगर कोई कन्या मिले तो विवाह करने में देरी नहीं करनी चाहिए।

यहां जानिए शास्त्रों के अनुसार विवाह के लिए योग्य कन्या में कौन-कौन सी खास बातें होनी चाहिए-

विवाह के लिए योग्य –

1 – यदि कोई स्त्री कामकाजी नहीं है, लेकिन उसे घर परिवार और समाज की जानकारी रहती है तो ये एक अच्छी बात है ऐसी स्त्रियां जागरूक रहती है और परिवार का मान बढ़ाती है।

2 – विवाह के लिए स्त्री में एक गुण अवश्य होना चाहिए। वो सभी को उचित मान-सम्मान देती हो अपने से ऊँचे और नीचे दोनों तरह के लोगों को सम्मान देना चाहिए।

3 – जो स्त्री संस्कृति और परम्पराओं का पालन करती है, वह विवाह के लिए श्रेष्ठ रहती है। ऐसी पत्नी पति के लिए सौभाग्य बढ़ाती है। पूजा-पाठ से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करती है जिससे घर में समृद्धि आती है।

4 – जिस स्त्री में बचत करने का गुण होता है, वह परिवार के लिए बहुत शुभ रहती है। परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ऐसी स्त्री को लक्ष्मी का स्वरुप माना गया है।

5 – जिस स्त्री की आवाज़ मीठी हो, जिसके बोलने से सुख अनुभव होता है वह विवाह के लिए श्रेष्ठ रहती है।

6 – जो स्त्री अच्छी सलाहकार हो, बुरे समय में धैर्य बनाये रखे और सही सलाह दे पाएं उससे विवाह करने में पुरुष की भलाई रहती है।

7 – जो स्त्री अपने भाई-बहनों और सभी रिश्तेदारों के साथ अच्छा व्यवहार रखती है। सभी का ध्यान रखती है और रिश्तों को लेकर सुरक्षात्मक भाव रखती है वह विवाह के लिए उत्तम होती है।

8 – जो स्त्री अपनी मर्यादाओं में रहती है और घर-परिवार का मान सम्मान बरक़रार रखती है, वह श्रेष्ठ होती है।

9 – श्रेष्ठ स्त्री वही है जिसमे अहम् का भाव नहीं होता है। जो स्त्री खुद से ज्यादा दूसरों के सुख को महत्त्व देती है, वह परिवार को हमेशा सुख देती है।

10 – जो स्त्री बुरी से बुरी परिस्थिति में भी परिवार का साथ नहीं छोड़ती और मजबूती के साथ सभी रिश्तों को निभाती है वह विवाह के लिए बहुत शुभ रहती है।


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