हर साल 7 अप्रैल को दुनिया विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाती है। ये दिन सभी लोगों को एक स्वस्थ ज़िंदगी जीने के प्रति प्रेरित करता है। इस लेख में हम डायबिटीज़ के बारे में बात करेंगे, जो दुनिया भर के साथ भारत में भी एक आम बीमारी बन गई है। डायबिटीज़ तब होती है, जब आपका ब्लड ग्लूकोज़ बढ़ जाता है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है, अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव कर इसे सिर्फ कंट्रोल किया जा सकता है। कार्बोहाइड्रेट्स, फैट्स, प्रोसेस्ड फूड और नैचुरल चीनी भी आपके ब्लड शुगर स्तर को बढ़ा सकती है। हालांकि, डायबिटीज़ होने का मतलब ये नहीं है कि आप अपना पसंदीदा खाना खाना ही छोड़ दें।

डायबिटीज का प्रबंधन: स्वस्थ हृदय और किडनी की कुंजी | नारायणा हेल्थ

स्वस्थ, संतुलित डाइट का पालन करने से आप डायबिटीज़ को सही तरीके से मैनेज कर पाएंगे और दिल, किडनी और दूसरी बीमारियों का ख़तरा कम हो सकेगा। जिन लोगों को डायबिटीज़ होती है, वे ज़्यादातर चीज़ों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन वहीं कुछ ऐसी भी चीज़ें हैं, जिन्हें थोड़ा-बहुत खाना ही सही है। फ्रेंच फाईज़ जैसा तले हुए खाने में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कहीं ज़्यादा होती है। ये खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को ट्रिगर करते हैं, जिससे एक से अधिक तरीकों से स्वास्थ्य प्रभावित होता है। दूध को एक संपूर्ण खाना माना जाता है, क्योंकि ये पोषक तत्वों से भरपूर होता है। हालांकि, जिन लोगों को डायबिटीज़ है उन्हें दूध का सेवन थोड़ा सतर्क रहकर करने की ज़रूरत है।

खासतौर पर उन्हें फुल क्रीम दूध नहीं पीना चाहिए, क्योंकि उसमें फैट्स की मात्रा कहीं ज़्यादा होती है। सैचुरेटेड फैट्स इंसुलिन प्रतिरोध को और खराब कर सकते हैं। डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों के लिए फल अच्छे हैं, लेकिन वहीं फलों का जूस हानिकारक साबित हो सकता है क्योंकि जूस में ज़्यादा फलों का इस्तेमाल होता है। साथ ही जूस बनाते वक्त फलों का फाइबर भी निकल जाता है, और उसमें सिर्फ फ्रुकटोस ही रह जाता है, जो आपका ब्लड शुगर स्तर फौरन बढ़ा देगा। सफेद ब्रेड, सफेद चावल, पास्ता, बेकरी का खाना, स्नैक्स, ऐसी चीज़ें हैं जो डायबिटीज़ के मरीज़ों को नहीं खानी चाहिए।

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इनमें हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जिसकी वजह से ब्लड शुगर स्तर एकदम बढ़ जाता है। सच ये है कि रक्तप्रवाह में शर्करा के अवशोषण को धीमा करने के लिए फाइबर की आवश्यकता होती है, लेकिन रिफाइन्ड आटे में बहुत कम फाइबर होता है। हमें भले ही ऐसा लगता हो कि फ्लेवरर्ड दही प्रोबायोटिक का एक अच्छा स्त्रोत है, लेकिन सच ये है कि ये सेहतमंद नहीं होता। आजकल बाज़ार में उपलब्ध ज़्यादातर दही फ्लेवर्ड होते हैं और चीनी ने भरपूर भी। डायबिटीज़ होने पर अपनी पसंद की चीज़ों से मुंह फेर लेना वाक़ई मुश्किल है, लेकिन कुछ दिशानिर्देशों को समझना आपके लिए चीज़ों को आसान कर सकता है।

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