रत्नों का हमारे जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। रत्न राशि और ग्रह के अनुसार पहने जाते हैं। इससे ग्रहों के अशुभ प्रभाव में कमी आती है और जीवन में सुख-समृद्धि का निर्माण होता है। लेकिन कोई भी रत्न धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह जरूर लें। ज्योतिषी व्यक्ति की जन्म तिथि, जन्म समय, राशि और ग्रह नक्षत्रों के आधार पर कोई भी रत्न धारण करने की सलाह देते हैं।

रत्नशास्त्र में कुल 84 उपरत्न और 9 प्रमुख रत्नों की गणना की गई है, जिनमें से पुखराज को मुख्य रत्न माना गया है। पुष्करराज बृहस्पति ग्रह का एक रत्न है, जिसका रंग पीला है। आइए जानें पुष्करराज रत्न के फायदे और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए इसे कैसे पहनें।

ज्योतिष के अनुसार कुंडली में बृहस्पति का महत्वपूर्ण स्थान होता है। यदि कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो तो व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कड़ी मेहनत के बावजूद किसी के हाथ में पैसा नहीं रहता और आर्थिक समस्या बनी रहती है। इसी कारण ज्योतिष में पुखराज रत्न को लाभकारी माना गया है।

पुष्करराज रत्न के लाभ -

पुष्करराज बृहस्पति ग्रह का रत्न है। इसलिए इसे धारण करने से बृहस्पति बलवान होता है। ज्योतिषियों के अनुसार यदि कुंडली में गुरु बली हो तो धन-धान्य में वृद्धि होती है। साथ ही विवाह कार्यों में आ रही रुकावटें भी दूर होती हैं। ज्योतिषी भी स्वास्थ्य लाभ के लिए इस रत्न को धारण करने की सलाह देते हैं।

किस राशि के लिए है पुखराज रत्न शुभ और अशुभ -

पुष्करराज रत्न के कई फायदे हैं लेकिन यह सभी के लिए शुभ नहीं होता है। ज्योतिष शास्त्र में कुछ राशियों का उल्लेख है जिनके लिए यह रत्न शुभ नहीं है। वृष, कन्या, मिथुन, तुला, मकर और कुम्भ को पुखराज नहीं पहनना चाहिए। यदि आप पुखराज धारण करना चाहते हैं तो आपको किसी ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए। वहीं यह रत्न कर्क, मेष, मीन और धनु राशि के लोगों के लिए अनुकूल है।

पुखराज कैसे पहनें -

पुखराज को हमेशा सोने या अष्टधातु में धारण करने से ही लाभ होता है। पुखराज धारण करने के लिए गुरुवार और पुष्पा नक्षत्र को सबसे अच्छा दिन माना जाता है। इसे धारण करने से पहले पंचामृत को स्नान कराना चाहिए। फिर हल्दी और पीले फूल चढ़ाएं और भगवान गुरु का ध्यान करते हुए 'ॐ ब्रह्म बृहस्पतिये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद तर्जनी अंगुली पर पुखराज की अंगूठी लगाएं।

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