आज के समय में युवा पीढ़ी की बस एक सपना होता है पढ़ लिखकर IAS और IPS बने लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं की IAS तथा IPS अधिकारी दोनों ही पद एक जिले के सबसे महत्वपूर्ण पद होते है। IAS और IPS एक दूसरे के पूरक हैं। दोनों ही भारतीय समाज के विकास के लिए आवश्यक हैं। एक जिले में एक से ज्यादा IAS तथा IPS तैनात होते हैं परन्तु सबसे important पद जिले के DM तथा SSP के होते हैं। किसी भी ज़िले के विकास के लिए दोनों का ही एक साथ कार्य करना अनिवार्य है।


IAS तथा IPS दोनों का ही चयन UPSC की सिविल सेवा परीक्षा के द्वारा किया जाता है। IAS तथा IPS दोनों ही ALL India Services हैं लेकिन दोनों की Cadre Controlling Authority अलग अलग हैं। IAS की Cadre Controlling Authority, Ministry of Personnel होती है जो की सीधे प्रधान मंत्री के आधीन होता है परन्तु IPS की Cadre Controlling Authority Home Ministry होती है जो की गृह मंत्री के आधीन होती है।

IAS तथा IPS दोनों ही सेवाओं का जॉब प्रोफाइल बहुत ही Broad होता है और दोनों ही बहुत Powerful Posts पर तैनात होते है परन्तु IAS, एक डीएम के रूप में काफी ज्यादा Powerful होता है। एक IPS के पास केवल अपने विभाग की जिम्मेदारी होती है परन्तु एक IAS (डीएम) के पास District के सभी departments की जिम्मेदारी होती है। डीएम के रूप में एक IAS अधिकारी, पुलिस विभाग के साथ साथ अन्य विभागों का भी मुखिया होता है।


भारत में IPS अधिकारी का वेतन सातवें वेतन आयोग की recommendations के बाद से काफी बेहतर हुआ है । IPS का वेतन 56,100 रुपये प्रति माह से लेकर 2,25,000 रुपये प्रति माह तक हो सकता है। IAS की Salary भी सातवें वेतन आयोग की recommendations काफी बेहतर हो गया है। IAS का वेतन 56,100 रुपये प्रति माह से लेकर 2,50,000 रुपये प्रति माह तक हो सकता है।

यूनिफार्म IAS तथा IPS को अलग करती है। IAS ऑफिसर्स के लिए कोई ख़ास यूनिफार्म नहीं होती है बस उन्हें सरकारी आयोजनों में formal कपडे पहनने होते हैं परन्तु IPS को उनकी निर्धारित यूनिफार्म पहननी होती है। IPS की यूनिफार्म promotions के साथ साथ बदलती जाती है। उन्हें हर रैंक के साथ कंधे पर सितारे, तलवार तथा अशोक की लाठ लगानी होती है। आम जनता कपड़ों से IAS को नहीं बल्कि IPS को पहचान लेती है।

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