पानी पेट और आंतों को प्राकृतिक रूप से साफ करने का सबसे आसान और सुरक्षित तरीका है। कम पानी पीने से मल त्याग में समस्या हो सकती है क्योंकि शरीर पानी को बनाए रखने के लिए अधिक मेहनत करता है। परिणामस्वरूप मल शुष्क, कठोर और कठोर हो जाता है। दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पिएं। अध्ययनों से पता चला है कि पर्याप्त पानी पीने से कोलोरेक्टल कैंसर और कब्ज का खतरा कम हो सकता है।

फलों और सब्जियों के रस में फाइबर, यौगिक और प्राकृतिक शर्करा जैसे सोर्बिटोल और फ्रुक्टोज होते हैं जो रेचक के रूप में कार्य करते हैं। पेट साफ करने के लिए सेब, नाशपाती, केला, अंगूर, नींबू पानी आदि का सेवन करें। हालांकि, फलों और सब्जियों को स्मूदी के रूप में रस देना एक बेहतर तरीका है, जो फाइबर, पानी और सभी पोषक तत्व प्रदान करता है।

अगर आप शरीर से गंदगी हटाकर इन समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो हरड़ या हरीतकी का इस्तेमाल करें। आयुर्वेद के अनुसार हरड़ का आंतों पर हल्का प्रभाव पड़ता है। आंतों की नियमित सफाई के लिए हरड़ का नियमित सेवन फायदेमंद होता है गर्म पानी में दो चम्मच काला नमक मिलाकर खाली पेट पीने से लाभ होता है। यह मिनटों में पेट की कार्यक्षमता को बढ़ा सकता है। बेहतर परिणाम के लिए ऐसा दिन में दो बार करें।

आम के पत्ते पेट के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आम के पत्ते का चूर्ण रोजाना खाने से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। इसके सेवन से किडनी, लीवर, फेफड़ों के रोगों का खतरा काफी कम हो जाता है। ताजा नींबू का रस, एक चम्मच शहद और एक चुटकी नमक पेट और आंतों को साफ करने के लिए इसे गर्म पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पिएं। इससे इम्युनिटी मजबूत होती है।

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