चीन के वहां से फैला कोरोना वायरस अब तक दुनिया भर के 145 देशों में फ़ैल चूका है। अब तक ये वायरस 3.32 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चूका है और लगभग 14,587 लोग अपनी जान गवा चुके हैं।

कोरोना कितना खरतनाक है ये उसके असर से ही नहीं बल्कि कोरोना होने की आशंका के डर से समझा जा सकता है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर कब ये वायरस भारत से खत्म होगा? आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे है।

चरणों पर निर्भर करती है कोरोना की उम्र

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार कोरोना के चार चरण होते हैं और कोरोना का संक्रमण कितना गंभीर है ये उसकी स्टेज या चरण पर निर्भर करता है। तो पहले इसके चरणों के बारे में समझ लेना जरूरी है।

पहले चरण में वो लोग आते हैं जो किसी दूसरे देश के हों और संक्रमित होकर भारत आए हों। दूसरे चरण में ये स्थानीय संक्रमित लोग अन्य स्थानीय लोगों को संक्रमित करते हैं और इसी चरण में अब भारत है।

तीसरे चरण में 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' होता है जिसमें किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना ही कोई भी व्यक्ति वायरस की चपेट में आ जाता है और ये चरण बेहद खरतनाक होता है। चौथा चरण जिसमें संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी (Epidemic) की तरह फैलता है।

भारत की तैयारियां घटा सकती हैं कोरोना के साल

कोरोना को हराने के लिए भारत में कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं और लोगों को आइसोलेशन में रखा जा रहा है। कई राज्यों में लॉकडाउन कर दिया गया है।

वहीँ, आईसीएमआर ने यह भी दावा किया है कि 23 मार्च तक भारत में दो ऐसे लैब तैयार होंगे जहाँ 1400 टेस्ट रोज़ हो सकेंगे। इसके अलावा भी कई तरह की तैयारियां की जा रही है। अलग अलग देश इसकी वेक्सीन बनाने पर काम कर रहे हैं।

कोरोना के एक टेस्ट पर 3000 रुपये का ख़र्च आता है। पहले स्तर के लिए 1500 रुपये तक का ख़र्च आता है और अभी ये सेन्ट्रल गवर्नमेंट उठा रही है लेकिन अगर हालात बद्द्तर हो जाते हैं तो समय आने पर फंड की जरूरत भी पड़ सकती है।

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