हिंदू धर्म में हर सुहागिन महिला अपनी मांग में सिंदूर भरती है। ये उनके पति की लंबी उम्र के लिए होता है। इसके अलावा सिंदूर लगाने का वैज्ञानिक महत्व भी है। लेकिन क्या आपको पता है कि सिंदूर बनता कैसे है? आज हम आपको इसी बारे में जानकारी देने जा रहे हैं और आपको ये भी बतांएगे कि प्राकृतिक और आर्टिफिशल सिंदूर कैसा होता है और आर्टिफिशियल सिंदूर आपके लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है?

प्राकृतिक सिंदूर सीधे पौधे से मिलता है, जबकि आर्टिफिशियल सिंदूर कुछ कैमिकल से मिल कर बना होता है। आर्टिफिशियल सिंदूर में लेड ऑक्साइड, सिन्थेटिक डाई और सल्फेट होता है, इसलिए इसे लगाने से कई नुकसान हो सकते हैं।

कैसे मिलता है प्राकृतिक सिंदूर
आपको जानकारी के लिए बता दें कि प्राकृतिक सिंदूर कमीला के पौधों से मिलता है। कमीला के पौधों में लगे फल जब सूख जाते हैं तो उसके अंदर मौजूद बीजों को निकाल लिया जाता है। फिर इन बीजों को अच्छे से सुखाया जाता है और इनका पाउडर बना लिया जाता है। ये ही असली और प्राकृतिक सिंदूर होता है। यह पौधे आमतौर पर हिमालयी क्षेत्र में पाए जाते हैं। इस से नेचुरल लिपस्टिक भी बनाई जाती है।

आर्टिफिशियल सिंदूर से होते हैं ये नुकसान
आर्टिफिशियल सिंदूर ए लेड ऑक्साइड, सिन्थेटिक डाई, सल्फेट आदि कैमिकल से मिल कर तैयार किया जाता है। ये केमिकल महिलाओं के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं। अगर इसे प्रेग्नेंट महिलाऐं लगाएं तो उनके उनके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नुकसान होता है। आर्टिफिशियल सिंदूर में मौजूद सिन्थेटिक डाई बालों के झड़ने का मुख्य कारण बनते हैं।

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