जब आप ट्रेन में सफर करते हैं, तो आपने सुना होगा कि ट्रेन से बार-बार हॉर्न की आवाज आती है। साथ ही कई बार स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में भी हॉर्न बजाए जाते हैं।

भारतीय रेलवे में बाकी सभी चीजों की तरह लोकोमोटिव के हॉर्न की शक्ति के लिए भी RDSO (अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, लखनऊ) द्वारा विनिर्देश जारी किए जाते हैं।

नवीनतम जारी किए गए विनिर्देशों के हिसाब से एक डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव में लगाये जाने वाले तीन बेल हॉर्न की आवाज़ की प्रबलता एक मीटर में 142 (+/- 1) dBA होनी चाहिए तथा

  • यह '20 डिग्री सेल्शियस के तापमान पर स्थिर हवा में 3.5 किलोमीटर तक सुनाई देना चाहिए।'
  • इसके अलावा इसकी आवाज़ की मौलिक आवृति 311Hz/ 370Hz/ 470 Hz (+/- 40%) होनी चाहिए।

अब रही बात ये 142 dBA की आवाज़ कितनी ज्यादा है, तो बता दें कि एक सामान्य रॉक कॉन्सर्ट से पैदा होने वाला शोर लगभग 80 dBA स्तर का होता है। अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ट्रैन चालक के कानों पर लगातार इतनी अधिक तीव्रता की आवाज़ का कैसा असर पड़ता होगा।

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