हम सभी ने महाभारत देखी है और ये बात हम जानते हैं कि पांडव पांच और दूसरी ओर कौरव 100 भाई थे, जो गांधारी और धृतराष्ट्र के पुत्र थे। लेकिन आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि आखिर प्राकृतिक रूप से 100 बच्चों का जन्म कैसे हो सकता है? आखिर कैसे 100 कौरवों का जन्म हुआ? इसी बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

कौरव धृतराष्ट्र और गांधारी के पुत्र थे और उनके एक पुत्री भी थी, जिसका नाम है दुशाला। प्रचलित कहानियों के आधार पर ऋषि व्यास ने गांधारी को उसकी सेवा से खुश हो कर वरदान दिया था कि तुम 100 पुत्रों की माँ बनोगी। फिर जब गांधारी गर्भवती हुई, तो 9 महीने के बजाय उसका गर्भ 2 साल तक ठहरा रहा।

इसके बाद उन्होंने एक मांस के टुकड़े को जन्म दिया यानी गांधारी को एक भी संतान नहीं हुई। ये बात ऋषि व्यास ने अपनी दिव्य दृष्टि से देख ली थी। उन्होंने इस मांस के टुकड़े को 101 हिस्सों में विभाजित करने को कहा और अलग अलग घड़ों में इन्हे रखवा दिया।

101 घड़ों में रखे गए मांस के टुकड़ों में ही बच्चों का विकास हुआ और ऐसे चल कर 100 कौरवों का जन्म हुआ। जबकि एक घड़े से दुशाला ने जन्म लिया, जो 100 कौरवों की अकेली बहन थी।

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