पीठ दर्द के कई कारण होते हैं। जैसे कि मांसपेशियों पर अधिक तनाव, अधिक वजन, गलत तरीके से बैठना, हमेशा ऊँची एड़ी के जूते या सैंडल पहनना, गलत तरीके से अधिक वजन उठाना, लंबे समय तक शरीर में कोई रोग होना। मुलायम तकिये आदि पर बैठना। यह कमर दर्द से बचने के लिए कुछ घरेलू उपायों को अपनाने जैसा है।

लंबे समय तक सोने से रीढ़ की हड्डी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है, जिससे पीठ दर्द होने लगता है। ताकि ज्यादा नींद न आए।

पीठ दर्द के लिए व्यायाम करें। चलना, चलना, तैरना और साइकिल चलाना। स्विमिंग से वजन तो कम होता ही है साथ ही यह कमर के लिए भी फायदेमंद होता है।

भारी वजन उठाने के लिए झुकते समय घुटनों को सीधा रखें। योग और व्यायाम करें। यदि आप नहीं कर सकते, तो 45 मिनट तक टहलें।

नारियल के तेल में तीन से चार लहसुन की कलियां डालकर गैस पर गर्म कर लें। तेल को काला होने तक गर्म करें। फिर गैस बंद कर दें।

जब तेल ठंडा हो जाए तो इसे किसी बोतल में बंद कर लें। इस तेल से सुबह-शाम पीठ पर मालिश करें।

एक पैर को गर्म बहते पानी में डुबोएं, परतों के बीच रुककर उन्हें सूखने दें। इस गर्म तौलिये को लेटते समय सुई के पिछले हिस्से पर लगाएं। इससे कमर दर्द तो दूर होगा ही साथ ही मांसपेशियों पर पड़ने वाला तनाव भी कम होगा।

अजमा को तवे पर धीमी आंच पर गर्म करें। ठंडा होने पर इसे गुनगुने पानी के साथ निगल लें। इसके नियमित सेवन से कमर दर्द में भी फायदा होता है।

लगातार एक ही पोजीशन में बैठकर काम न करें। अगर आपके पास बैठने की नौकरी भी है, तो हर 45 मिनट में उठने और चलने की आदत डालें।

ज्यादा मुलायम तकिए पर न सोएं। सोने और बैठने में आरामदायक महसूस करने वाले तकिए बहुत हानिकारक होते हैं। इस पर सोने से मेरूदंड आकारहीन हो जाता है।

चाय बनाते समय इसमें 5-5 दाने काली मिर्च और लौंग और पिसी हुई अदरक मिलाकर कमर दर्द से बचें। ऐसी चाय दिन में दो बार पिएं।

भुजंगासन, शलभासन, हलासन, उत्तानपादासन, शवासन जैसे आसन करें।

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