फाल्गुन का महीना ही हर्ष और उल्लास से भरा होता है। ये महीना इसलिए खास होता है क्योंकि इस में होली का त्यौहार मनाया जाता है। सब जानते है कि रंगो का त्यौहार होली हम क्यों मनाते है। वहीं ज्योतिषचार्य के अनुसार होली दहन की मध्य रात्रि के समय पूजा करने से जन्मपत्रिका में पाए जाने वाले दोषों को कम किया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार होली का त्यौहार जैसा की हम जानते है कि सारी बुरायों को दूर करता है। उसी तरह ये ग्रह - नक्षत्रों में पाए जाने वाले दोषों को भी दूर करता है।

ये करें उपाय -
अगर आपकी राशि में कोई दोष है , कई दिनों दे आप इसके चलते परेशान हो रहे है। तो आपको अब और परेशान होने की जरुरत नहीं है। आप अपनी राशि में दोष को हटाने के लिए होली दहन के समय होने वाली पूजा में शामिल जरूर होए , इसके साथ ही आप पूजा के समय गन्ने को भी अपनी पूजा में शामिल जरूर करें।

अपनी राशि के हिसाब से करें पूजा -
कहा जाता है कि होली दहन के साथ साथ हमारे बुरे कर्म और पाप , बुराई पर अच्छाई की जीत होती है। इसका प्रभाव ज्योतिषचार्य के अनुसार हमारे ग्रह - नक्षत्र पर भी पड़ता है। साथ ही होली की पूजा में होली को परिक्रमा करने से हमारी राशि के दोष भी दूर होते है। परिक्रमा की संख्या के अनुसार हर राशि की ग्रह बाधा दूर होती है। ऐसे में आज हम आपको बता रहे है कि किस राशि के लिए कितनी परिक्रमा देना शुभ माना गया है।

मेष राशि - 9 परिक्रमा
वृष राशि - 11 परिक्रमा
मिथुन राशि - 7 परिक्रमा
कर्क राशि - 28 परिक्रमा
सिंह राशि - 21 परिक्रमा
कन्या राशि - 7 परिक्रमा
तुला राशि - 21 परिक्रमा
वृश्चिक राशि - 28 परिक्रमा
धनु राशि - 23 परिक्रमा
मकर राशि - 15 परिक्रमा
कुंभ राशि - 25 परिक्रमा
मीन राशि - 9 परिक्रमा करनी चाहिए।

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