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होली का त्यौहार अपने साथ खुशियाँ लेकर आता है। इस मौके पर हर उम्र के लोग एक-दूसरे को रंग लगाने का मौका नहीं छोड़ते. हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि रंग गलती से आंख, कान या मुंह में चला जाता है। रंगों में केमिकल की मौजूदगी के कारण नुकसान का डर हमेशा बना रहता है। भले ही आप केमिकल युक्त रंगों के इस्तेमाल से बचें, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि दूसरों द्वारा लाए गए रंग सुरक्षित हैं। इसलिए होली खेलते समय कान, आंख और मुंह की सुरक्षा का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है।

लोग यह भी सोचते हैं कि अगर गलती से रंग मुंह में चला जाए तो क्या होगा और जब रंग शरीर के विभिन्न हिस्सों में चला जाए तो तुरंत क्या कदम उठाना चाहिए। यहां, हम कुछ टिप्स साझा करने जा रहे हैं, जिनका पालन करने पर काफी हद तक आपकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है।

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अगर होली का रंग मुंह में चला जाए तो क्या होगा?

होली के रंगों की सबसे बड़ी खामी इनमें केमिकल की मौजूदगी है। ऐसा देखा गया है कि अगर ये गलती से मुंह के जरिए पेट में चले जाएं तो उल्टी हो सकती है। साथ ही मुंह का स्वाद भी ख़राब हो जाता है। होली खेलने के बाद लोग कुछ खाने के लिए गंदे हाथों का इस्तेमाल करते हैं। होली के रंग किसी न किसी तरह से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। विशेषज्ञ गलती से भी होली के रंगों को निगलने से बचने की सलाह देते हैं। अगर यह मुंह में चला जाए तो तुरंत कुल्ला करें। साथ ही होली खेलने के बाद कुछ भी खाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें. इसके अलावा आप पानी से गरारे भी कर सकते हैं।

आँखों में होली का रंग
अगर गलती से होली का रंग आंखों में चला जाए तो जलन या खुजली हो सकती है। रंगों को आकर्षक बनाने के लिए उनमें विभिन्न रसायन या अन्य पदार्थ मिलाये जाते हैं। ज्यादातर लोग होली खेलते समय यह भूल जाते हैं कि रंग गलती से आंखों में भी जा सकता है। अगर किसी की आंखों में गलती से रंग लग जाए तो उसे तुरंत ठंडे पानी से धोना चाहिए। ठंडे पानी के छींटे मारने के बाद भी अगर जलन हो तो गुलाब जल का प्रयोग करें। गुलाब जल आंखों को ठंडक प्रदान करता है। याद रखें कि रंग जाने के बाद आंखों को रगड़ें नहीं, क्योंकि इससे खुजली या जलन बढ़ सकती है।

कानों में होली का रंग
विशेषज्ञों का कहना है कि होली का रंग कान में जाने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। होली खेलते समय अगर गलती से सूखा रंग कान में चला जाए तो उसे तुरंत नीचे की ओर हिलाएं। इससे रंग निकल सकता है और अगर रंग अभी भी कानों में रह गया है तो ईयरबड का इस्तेमाल करें। कान से रंग हटाने के बाद भी अगर दर्द या जलन हो तो इलाज के लिए डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें।

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