यहाँ तेल-घी से नहीं बल्कि पानी से जलता है मंदिर का दिया, जानिए इसके पीछे की मान्यता
गड़ियाघाट वाली माताजी के नाम से मशहूर यह मंदिर कालीसिंध नदी के किनारे आगर-मालवा के नलखेड़ा गांव से करीब 15 किमी दूर गाड़िया गांव के पास माताजी का मंदिर स्थित है। मंदिर के पुजारी ने दावा किया है कि इस मंदिर में दिया पानी से जल रहा है। इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। पिछले 50 सालों से इस मंदिर का दिया पानी से जलाए जा रहे हैं।
बताया जाता है कि मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले पुजारी सिद्धूसिंह जी बताते हैं कि, पहले यहां हमेशा तेल का दीपक जला करता था, लेकिन करीब पांच साल पहले उन्हें माता ने सपने में दर्शन देकर पानी से दीपक जलाने के लिए कहा। सुबह उठकर जब उन्होंने पास बह रही कालीसिंध नदी से पानी भरा और उसे दीए में डाला। दीए में रखी रुई के पास जैसे ही जलती हुई माचिस ले जाई गई, वैसे ही ज्योत जलने लगी।
तबसे आज तक इस मंदिर में कालीसिंध नदी के पानी से ही दीपक जलाया जाता है। मंदिर का दिया बरसात के मौसम में नहीं जलता है। क्योंकि बरसात के मौसम में कालीसिंध नदी का वाटर लेवल बढ़ने से यह मंदिर पानी में डूब जाता है।