Health Tips- खून की कमी से शरीर में दिखाई देते हैं ये लक्षण, इसकी पूर्ती के लिए इन चीजों का करें सेवन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मान्यता प्राप्त हीमोग्लोबिन की कमी, एक महत्वपूर्ण वैश्विक स्वास्थ्य चिंता का विषय है, जो लाखों व्यक्तियों को प्रभावित करती है। इस स्थिति के कारण शरीर में रक्त की कमी हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि शरीर में खून की कमी होने पर किन चीजों का सेवन करना चाहिए-
हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण:
थकान और कमजोरी: अपर्याप्त हीमोग्लोबिन शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा डालता है, जिससे लगातार थकान और कमजोरी बनी रहती है।
चक्कर आना: हीमोग्लोबिन की कमी से बार-बार चक्कर आ सकते हैं, खासकर अचानक हिलने-डुलने पर, कभी-कभी दृष्टि की अस्थायी हानि के साथ।
बालों का झड़ना: एक उल्लेखनीय लक्षण में अत्यधिक बालों का झड़ना शामिल है, जो संभावित हीमोग्लोबिन की कमी का संकेत देता है जिसकी जांच की जानी चाहिए।
मौखिक अल्सर और त्वचा संबंधी समस्याएं: हीमोग्लोबिन की कमी के कारण मुंह के अंदर अल्सर हो सकता है, खान-पान की आदतें प्रभावित हो सकती हैं और मुंहासे जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
चेहरे का पीला पड़ना: हीमोग्लोबिन की कमी चेहरे पर पीलेपन के रूप में प्रकट हो सकती है, जो चिकित्सा ध्यान, रक्त परीक्षण और उचित आहार और औषधीय हस्तक्षेप की आवश्यकता का संकेत देती है।
हीमोग्लोबिन की कमी से बचाव
पोषक तत्वों से भरपूर आहार: फोलेट, विटामिन बी12 और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। मांसाहारी लोग अंडे, चिकन और लीवर को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं, जबकि चुकंदर, पालक, मेथी, सरसों और मूली के पत्ते जैसी सब्जियां हर किसी के लिए आवश्यक हैं।
फल: हीमोग्लोबिन की कमी से निपटने के लिए अनार और सेब अनुशंसित फल हैं। नियमित सेवन से समस्या का प्रभावी ढंग से समाधान हो सकता है।
शीतकालीन जूस: सर्दियों के मौसम में गाजर और चुकंदर की उपलब्धता का लाभ उठाएं और उनके रस को अपने आहार में शामिल करें।
नियमित व्यायाम: समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और हीमोग्लोबिन की कमी को रोकने के लिए नियमित व्यायाम के साथ पौष्टिक आहार को मिलाएं।
डॉक्टर से परामर्श: यदि हीमोग्लोबिन की कमी का संदेह हो, तो उचित निदान के लिए एक चिकित्सा पेशेवर से परामर्श लें और खुराक और उपचार के संबंध में उनकी सलाह का पालन करें।