देश में पिछले चार महीनों से गर्मी ने लोगो की हालत खराब कर रखी हैं, कई जगह तो पारा 50 के रिकॉर्ड के पार पहुंच गया था, ऐसे में मानसून ने आकर गर्मी में राहत प्रदान की हैं, लेकिन इस बदलते मौसम और बारिश के साथ कई तरह की बीमारियां आती है, वातावरण में नमी बढ़ने के कारण ये बीमारियाँ तेज़ी से फैलती हैं, जिससे बैक्टीरिया और वायरस पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बनती हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बारीश के दिनों में होने वाली बीमारियों के बारे में और इनकी रोकथाम के लिए क्या करना है, इसके बारे में बताएंगे-

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बरसात के मौसम में होने वाली आम बीमारियाँ:

टाइफाइड: दूषित भोजन और पानी से फैलने वाला टाइफाइड ज़्यादा प्रचलित हो जाता हैं, इस बीमारी के लिए ज़िम्मेदार बैक्टीरिया बारिश के मौसम में सक्रिय हो जाते हैं।

दस्त: दूषित भोजन या पानी के सेवन से होने वाला दस्त भी उल्टी और निर्जलीकरण जैसे लक्षणों के साथ प्रकट होता है, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है।

वायरल फीवर: बारिश के मौसम की नमी वाली परिस्थितियों में कई वायरस पनपते हैं, जिससे वायरल फीवर और फ्लू जैसे लक्षण व्यापक रूप से देखने को मिलते हैं।

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डेंगू और मलेरिया: इस मौसम में सबसे ज़्यादा ख़तरा डेंगू और मलेरिया का है, जो कि रुके हुए पानी में पनपने वाले मच्छरों से फैलता है।

निवारक उपाय:

मच्छर नियंत्रण: मच्छरों के पनपने को रोकने के लिए घरों के आस-पास जमा पानी को हटाएँ। मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करें।

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स्वच्छता और आहार: संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नियमित रूप से हाथ धोने सहित व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।

सामान्य सावधानियां: स्ट्रीट फूड खाने से बचें और सुनिश्चित करें कि भोजन को स्वच्छतापूर्वक तैयार और संग्रहीत किया गया हो। मच्छरों की सबसे अधिक सक्रियता वाले समय, आमतौर पर सुबह और शाम के समय घर के अंदर रहें।

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