Health Tips-डिप्रेशन के कारण त्वचा पर दिखने लगते हैं ऐसे निशान, जानिए इनके बारे में
आज की जनरेशन अपना भविष्य सवारने के लिए दिन रात भागदौड़ करता है और वर्तमान मे जीना भूल जाता हैं, जिसकी वजह से उनकी जीवनशैली और खान पान खराब हो जाता है, जिसकी वजह से कम उम्र में कई गंभीर बीमारियां हम अपना शिकार बना लेती हैं, ऐसे में अगर हम बात करे तनाव की तो यह एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति हैं, जो हमारे शारीरिक स्वास्थ्य सहित हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकती है। तनाव केवल मानसिक स्वास्थ्य को ही नही बल्कि त्वचा पर भी असर दिखाता हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में-
मुँहासों का बढ़ना:
कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन अतिरिक्त तेल उत्पादन को उत्तेजित कर सकते हैं, जिससे मुँहासे निकलने की समस्या बढ़ सकती है, विशेष रूप से बढ़े हुए तनाव की अवधि के दौरान।
पुरानी त्वचा स्थितियों का बढ़ना:
तनाव-प्रेरित सूजन के कारण अवसाद एक्जिमा और सोरायसिस जैसी स्थितियों को खराब कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप खुजली, लालिमा और बेचैनी बढ़ जाती है।
सूखापन और निर्जलीकरण:
उदासी की भावनाओं के कारण मॉइस्चराइजिंग सहित स्व-देखभाल की दिनचर्या की उपेक्षा, शुष्क, निर्जलित त्वचा का कारण बन सकती है, जिससे यह सुस्त दिखाई देती है।
त्वचा के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले व्यवहारिक परिवर्तन:
ख़राब आहार विकल्प:
तनाव से ग्रस्त व्यक्ति उच्च चीनी और वसा वाले अस्वास्थ्यकर आरामदायक खाद्य पदार्थों का सहारा ले सकते हैं, जिससे मुँहासे और सूजन जैसी त्वचा की स्थिति खराब हो सकती है।
परेशान नींद के पैटर्न:
अनिद्रा या बाधित नींद, जो अवसाद में आम है, त्वचा की मरम्मत प्रक्रियाओं को बाधित कर सकती है, जिससे थका हुआ, फूला हुआ दिखना और त्वचा की मौजूदा समस्याएं बिगड़ सकती हैं।