हमारी हड्डियाँ लगातार बदल रही हैं। यानी पुरानी हड्डियों को समय-समय पर रिपेयर किया जा रहा है। यह प्रक्रिया शैशवावस्था और बचपन में तेज हो जाती है।जब आप 30 वर्ष की आयु तक पहुंचते हैं, तब तक आपकी हड्डी का द्रव्यमान अपने चरम पर होता है। तभी आपका बोन मास कम और ज्यादा घटता है।

ऑस्टियोपोरोसिस जैसी कमजोर हड्डी की स्थिति इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने जीवन के पहले 30 वर्षों में कितना हड्डी द्रव्यमान प्राप्त करते हैं और उसके बाद आप कितनी जल्दी हड्डी द्रव्यमान खो देते हैं। अगर आप चाहते हैं कि आपकी हड्डियां बुढ़ापे तक भी मजबूत रहें तो रोजाना की आदतों में कुछ बदलाव करने चाहिए।

कैल्शियम हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है। आपकी हड्डियाँ लगातार टूटने और बनने की प्रक्रिया में होती हैं, इसलिए हड्डियों की मजबूती और निर्माण के लिए कैल्शियम युक्त आहार आवश्यक है। विटामिन डी हमारी हड्डियों के लिए कैल्शियम जितना ही जरूरी है। भले ही आपके पास कैल्शियम की सही मात्रा हो, आपका शरीर विटामिन डी की मदद के बिना इसे अवशोषित नहीं कर सकता।

कुछ शोधों से पता चला है कि जिन लोगों को पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिलता है, खासकर बच्चों और वयस्कों में, हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। इसलिए इन पोषक तत्वों को पाने के लिए रोजाना 15 से 20 मिनट गर्मी में बैठें। आपकी लगभग 50 प्रतिशत हड्डियाँ प्रोटीन से बनी होती हैं। इसलिए जरूरी हो जाता है कि आप अपनी डाइट में प्रोटीन को शामिल करें। शोध के अनुसार, कम प्रोटीन का सेवन कैल्शियम के अवशोषण को कम कर सकता है और हड्डियों के निर्माण और टूटने को प्रभावित कर सकता है।

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