Health Tips- अगर शरीर में होने लगे ये परिवर्तन, तो आंतों में पड़ गए हैं कीड़े, जानिए बचने का तरीका
अगर हम बात करें मनुष्य की तो वो अपना भविष्य सवारने में इतना व्यस्त हो गया हैं कि अपने खान पान और जीवनशैली को खराब कर लेता हैं, इनका खराब होना आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता हैं, ऐसे में आंतों के कीड़े होना आम बात है, खास तौर पर बच्चों में। दूषित भोजन या पानी का सेवन, अपर्याप्त स्वच्छता व्यवहार और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसे कारक इस समस्या में योगदान करते हैं, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको पेट कीड़े पड़ने के लक्षण और इनका इलाज आपको बताएंगे-
पेट में दर्द और सूजन
आंतों के कीड़ों के संक्रमण से अक्सर पेट के क्षेत्र में ऐंठन जैसी असुविधा होती है।
भूख न लगना और वजन कम होना
कीड़े शरीर से पोषक तत्वों को अवशोषित करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भूख कम लगती है और बाद में वजन कम होता है।
दस्त या कब्ज
आंतों के कीड़ों के कारण पाचन संबंधी व्यवधान दस्त या कब्ज की समस्या पैदा कर सकते हैं।
गुदा के आसपास खुजली
खासकर रात में, गुदा के आसपास खुजली पिनवर्म संक्रमण का संकेत हो सकती है।
थकान और कमज़ोरी
आंतों के कीड़ों के कारण पोषक तत्वों की कमी से थकान और कमज़ोरी महसूस हो सकती है।
आंतों के कीड़ों को कम करने के लिए 3 प्रभावी उपाय
लहसुन: अपने एंटी-पैरासिटिक गुणों के लिए जाना जाता है, रोजाना खाली पेट लहसुन की 2-3 कलियाँ खाएं या उबला हुआ लहसुन का पानी पिएं।
अदरक: हर सुबह अदरक का एक छोटा टुकड़ा चबाएँ या अदरक की चाय पिएँ, क्योंकि इसमें एंटी-पैरासिटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी दोनों तरह के गुण होते हैं।
नीम: नीम के पत्तों को पानी में उबालें और छानकर घोल पिएँ या नीम की गुठली के पाउडर को शहद के साथ खाएँ। नीम अपने एंटी-पैरासिटिक और जीवाणुरोधी गुणों के लिए पूजनीय है।