Health Tips- उत्तर भारतीयों के लिए मुश्किल समय, ना केवल शीतलहर बल्कि प्रदूषण के कारण हो रही फेफड़ो की बीमारी, जानिए बचने के उपाय
वर्तमान में, उत्तर भारत शीत लहर की चपेट में है, दिल्ली में तापमान रिकॉर्ड गिर रहा है और न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है। बढ़ता वायु प्रदूषण इस चुनौती को और बढ़ा रहा है, जिससे श्वसन संबंधी स्वास्थ्य पर ख़तरा पैदा हो रहा है। यह स्थिति, विशेष रूप से अस्थमा रोगियों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक है, आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि प्रदूषण से कैसे बचा जाएं-
नकाब पहनिए:
वायुजनित प्रदूषकों के खिलाफ सबसे प्रभावी बचाव बाहर निकलते समय N95 या KF95 मास्क पहनना है। ये मास्क छोटे कणों को कुशलता से फ़िल्टर करते हैं, उन्हें फेफड़ों तक पहुंचने से रोकते हैं। मास्क का उचित उपयोग सुनिश्चित करें और यदि यह गीला हो जाए तो इसे बदल दें।
अपने घर को हवादार बनाएं:
सर्दियों की ठंड के बावजूद, अपने रहने की जगह को अच्छी तरह हवादार रखना महत्वपूर्ण है। सुबह और शाम खिड़कियाँ खोलने से ताजी हवा अंदर आती है और प्रदूषित हवा को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, वायु शोधक का उपयोग करने से घर के अंदर वायु की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें:
ह्यूमिडिफायर का उपयोग करके ठंडी हवा की शुष्कता से निपटें, जो नाक और गले में जलन पैदा कर सकती है। फफूंद की वृद्धि को रोकने के लिए ह्यूमिडिफायर की नियमित सफाई आवश्यक है।
गर्म पेय का सेवन करें:
गर्म पानी, सूप या हर्बल चाय पीकर अपने श्वसन तंत्र को नम रखें। यह न केवल खांसी और सर्दी के खतरे को कम करता है बल्कि ठंड के मौसम में शरीर को गर्माहट बनाए रखने में भी मदद करता है।