भोजन, व्यंजन, सोने के समय में थोड़ी भी देरी होने पर भी बहुत से लोग तुरंत एसिडिटी, अपच और माइग्रेन से पीड़ित होने लगते हैं। बहुत से लोग माइग्रेन से भी पीड़ित होते हैं। एसिडिटी हो या माइग्रेन। ये दोनों मुसीबतें कब शुरू होंगी, कहा नहीं जा सकता। इसलिए आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. दीक्षा भावसार ने खास उपाय बताया है। इन दोनों स्वास्थ्य शिकायतों की शुरुआत का मुख्य कारण शरीर में पित्त दोष और वातप्रकृति में वृद्धि है।

मसालेदार, नमकीन, खट्टे और किण्वित खाद्य पदार्थों का बार-बार सेवन। बार-बार बासी खाना और फ्रिज में लंबे समय तक रखा हुआ खाना और फिर दोबारा गर्म करना। अब बिनाटेल पानभाजी बनाएं! तेल-घी-मक्खन डालने की जरूरत नहीं है... लेकिन सब्जी स्वादिष्ट और जल्दी बन जाएगी मांसाहारी खाद्य पदार्थों का अत्यधिक सेवन कॉफी के साथ दिन की शुरु। रात के खाने में तला हुआ खाना खाना अत्यधिक परिश्रम और तनाव, बहुत अधिक यात्रा करना या सोने का समय कम होना।


उपरोक्त कारणों से बचना हमारे हाथ में है। लेकिन अगर किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो पाता है तो रोज सुबह चाय या कॉफी पीने से दिन की शुरुआत करने से बचना चाहिए। क्योंकि यह शरीर में पित्त दोष को बढ़ाता है। जब पित्त बढ़ जाता है, तो बहुत से लोग नाराज़गी, एसिडिटी और माइग्रेन से पीड़ित होने लगते हैं।

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