कोविड-19 ने जिस तरह से दुनिया को अपनी जकड़ में लिया और उसके बाद जिस तरह से पूरे देश और दुनिया में इसका हाहाकार मचा हर कोई इस के आतंक में आज भी किसी ना किसी तरह से दिखाई देता है। कोविड-19 कि यह बीमारी अभी दूर ही नहीं गई थी कि पूरे देश में अब एक नई मंकीपॉक्स ट्रांसमिशन की समस्या शुरू हो चुकी है। हाल ही में इस मामले को लेकर मिल रही जानकारी में बताया गया है कि अगर मंकीपॉक्स मरीजों द्वारा किसी सतह को छू लिया जाए तो वहां पर मंकीपॉक्स के जीवाणु लंबे समय तक जीवित रहते हैं और वह किसी और के शरीर में भी जा सकते हैं।



यह जानने के लिए पढ़ें कि वायरस कैसे फैलता है।
ऐसे समय में जब पूरी दुनिया एक नए वायरस के हमले की खबर से जूझ रही थी, विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया। मंकीपॉक्स, वायरस का संक्रमण जो केवल दक्षिण अफ्रीका के एकांत क्षेत्रों तक सीमित था, अन्य देशों में भी लोगों को संक्रमित करता पाया गया। आज तक, मंकीपॉक्स संक्रमण पहले ही 50 से अधिक देशों में प्रवेश कर चुका है, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के लिए चिंता का विषय है। मंकीपॉक्स का संक्रमण मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है जो चेचक के वायरस के परिवार से संबंधित है। एक बार संक्रमित होने पर व्यक्ति को लक्षण दिखने में कुछ दिन लगते हैं जिनमें त्वचा पर चकत्ते, लाल रंग के छाले, सिरदर्द, बुखार और शरीर में दर्द शामिल हैं। मंकीपॉक्स संक्रमण की संचरण प्रक्रिया उन प्रकारों में से एक मानी जाती थी जो संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से फैलती हैं। हालांकि, हाल ही में हुई एक स्टडी में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

अब तक जो रिपोर्ट सामने आ रही है उसमें बताया जा रहा है कि मंकीपॉक्स तत्वों पर जीवित रह सकता है इस मामले को लेकर जर्मन के वैज्ञानिकों द्वारा एक बड़ा खुलासा किया गया है जो संभावित संक्रमण हो सकता है। इसी प्रकार वायरस के संचालन प्रक्रिया आसान हो जाती है और यह अपने चपेट में कई लोगों को ले लेता है।



इसके अलावा इस मामले को लेकर विशेषज्ञों द्वारा यह चेतावनी भी दी गई है कि आप वॉशरूम का इस्तेमाल अब सोच समझ कर करें क्योंकि मंकीपॉक्स के फैलने की एक बड़ी वजह वॉशरूम को बताया जा रहा है। आपको बता दें कि अध्ययन में विशेषज्ञों द्वारा बताई गई बात का हवाला देते हुए यह कहा जा रहा है कि मरीजों के बाथरूम में वायरल लोड सबसे ज्यादा पाया जा रहा है। आपको बता दें कि वॉशरूम में टॉयलेट सीट पर गया सिंगर पर या साबुन डिस्पेंसर पर कंट्रोल लिवर होना अब बेहद जरूरी है क्योंकि यह सबसे ज्यादा संक्रमण के फैलने का खतरा बन रहा है।

वही इसके अलावा जिस तरह कोविड-19 के शुरुआती दिनों में लोगों को सलाह दी जाती थी कि वह अपने आप को एक जगह आइसोलेट रखें इसके साथ-साथ वह अपने काम में आने वाली सभी चीजों को अच्छे से खुद ही धो कर वापस काम में लें और उनके काम में आने वाली चीजों का संपर्क किसी और के साथ ना हो।


मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?
मंकीपॉक्स के लक्षण, जैसा कि ऊपर बताए गए संक्रमण से है
मंकीपॉक्स वायरस
ऊष्मायन अवधि के साथ शुरू होता है। इस अवधि के दौरान एक व्यक्ति संक्रामक नहीं है। ऊष्मायन अवधि लगभग 1-2 सप्ताह है। एक व्यक्ति में लक्षण नहीं होते हैं और वह ठीक महसूस कर सकता है। कुछ लक्षण जो एक मंकीपॉक्स रोगी को विकसित हो सकते हैं उनमें शामिल हैं

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