Health Care Tips: शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर पैरों में दिखाई देने लगते हैं यह लक्षण, ना करो नजरअंदाज !
इंटरनेट डेस्क. आपने देखा होगा कि कई लोगों को शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने की समस्या होती है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनाना बहुत ही नुकसानदायक होती है क्योंकि इसके कारण ब्लड वेसल्स में ब्लॉकेज होने लगता है जिसके कारण खून को शरीर के बाकी सब सहित हार्ट तक पहुंचने में परेशानी और लगती है इसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से कई गंभीर बीमारियों का होने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए समय रहते बैड कोलेस्ट्रॉल की समस्या को और करना बहुत जरूरी है। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर हमारा शरीर कई तरह के संकेत देने लगता है। यदि लोगों को इन संकेतों के बारे में सही जानकारी हो तो लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों का शिकार होने से बच सकते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से आपको बताते हैं शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर पैरों में दिखाई देने वाले लक्षणों के बारे में जिन्हें पहचान कर आप कई बीमारियों के शिकार होने से बच सकते हैं। आइए जानते है विस्तार से -
* पेड़ों का ठंडा होना :
शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर आपके पैर ठंडे पड़ने लगते हैं क्योंकि इस बैड कोलेस्ट्रॉल की वजह से जब हमारी धमनियों में ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा होती है तो हमारे पैरों में खून की कमी होने लगती है जिससे कई बार हमारे पैर ठंड पड़ने लगते हैं।
* पैर के नाखूनों का पीला पड़ना :
शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर हमारे पैर के नाखूनों में भी इसका प्रभाव साफ नजर आने लगता है आमतौर पर हमारे नाखून गुलाबी रंग के होते हैं लेकिन जब हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है तब शरीर में ब्लड फ्लो सही तरीके से नहीं होता और हमारे नाखून पीले पड़ने लगते हैं या फिर इनमें लकीर पड़ने जैसी समस्या होने लगती है।
* पैरों का सुन्न पड़ना :
जब हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है तो हमारे शरीर में रक्त संचार में रुकावटें पैदा होने लगती है जिसके कारण कई बार हमारे पैरों तक खून नहीं पहुंच पाता और हमारे पैर सुन्न पड़ने लगते हैं जिसके कारण पैरों में झनझनाहट महसूस होने लगती है।
* पैरों में दर्द की समस्या होना :
जब हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा के बढ़ने के कारण ब्लड फ्लो सही तरीके से नहीं हो पाता तो हमारे पैरों तक ऑक्सीजन ठीक तरह से नहीं पहुंच पाती जिसके कारण हमारे पैरों में तेज दर्द होने लगता है।