दुनियाभर में हर साल कैंसर (Cancer) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कैंसर कई प्रकार के होते है, लेकिन एक कैंसर ऐसा होता है जो सिर्फ पुरुषों में ही पाया जाता है. इसे प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) कहते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, प्रोस्टेट कैंसर आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र में होता है। प्रोस्टेट एक ग्लैंड होती है जो सिर्फ पुरुषों के शरीर में पाई जाती है. ये यूरिनरी ट्रैक के पास होती है. यूरिन करने में परेशानी आना इस कैंसर का शुरुआती लक्षण माना जाता है।

डॉक्टरों के मुताबिक, छोटे शहरों में यूरोलॉजी से संबंधित काफी मामले रिपोर्ट किए जाते हैं. जागरूकता की कमी से ऐसा होता है. जानकारी न होने की वजह से लोग इन बीमारियों को समझ नहीं पाते और इलाज में देरी हो जाती है. ऐसे में यह जरूरी है कि इस कैंसर को लेकर जागरूकता बढ़ाई जाए.

प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland) पुरुषों के शरीर का वो हिस्सा है जो उम्र के साथ-साथ बढ़ता रहता है, 50 साल की उम्र के बाद ये ग्रंथि बड़ी होती रहती है. जिससे यूरिन पास करने में दिक्कत होती है, और धीरे-धीरे शरीर में प्रोस्टेट कैंसर पनपने लगता है. 80 की उम्र के ऊपर हर 10 में 2 पुरुषों में ये कैंसर पनप जाता है. इसलिए, अगर किसी को यूरीन पास करने में समस्या आए तो डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। आइए इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे प्रोस्टेट के लक्षण और इससे कैसे करे बचाव। आइए जानते है विस्तार से -

* प्रोस्टेट कैंसर होने पर शरीर में दिखने वाले लक्षण :

1. पेशाब को कंट्रोल न कर पाना

2. बार-बार पेशाब आना

3. स्पर्म के साथ ब्लड आना

4. यूरिन करने में परेशानी

* ऐसे होता है प्रोस्टेट कैंसर का इलाज :

डॉ. के मुताबिक, इस कैंसर से बचाव के लिए जरूरी है कि लाइफस्टाइल को ठीक रखें. खानपान पर ध्यान दें. 50 साल की उम्र के बाद पीएसए टेस्ट कराते रहें। डॉ. के मुताबिक,अगर कैंसर सिर्फ प्रोस्टेट में है तोऑपरेशन कराना सबसे बेहतर विकल्प है. इसके अलावा रेडिएशन और हार्मोन थेरेपी भी करा सकते है. ऑपरेशन में पूरा प्रोस्टेट ही निकाल दिया जाता है. डॉक्टर्स रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से इस ऑपरेशन को करते हैं. इस सर्जरी से ऑपरेशन बिलकुल स्टीक होता है और मरीज रिकवर भी जल्दी हो जाता है।

* प्रोस्टेट कैंसर के दौरान होने लगती है कई परेशानीयां :

यूरोलॉजी एंड रेनल ट्रांसप्लांटेशन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. वहीद जमन बताते हैं कि प्रोस्टेट कैंसर की स्टेज के बढ़ने से मरीज की स्थिति बिगड़ती रहती है. इसके कारण हड्डियों में फ्रैक्चर, रीढ़ में दर्द, यूरिन पास करने में दिक्कत और पैरों में कमजोरी आ जाती है. अगर किसी को ये सब परेशानियां महसूस हो रही हैं, तो पीएसए टेस्ट कराना पड़ता है. अगर पीएसए लेवल हाई रहता है तो ये कैंसर का संकेत होता है. ऐसे में एमआरआई और बायोप्सी कराई जाती है. प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि होने पर यह भी देखा जाता है कि ये शरीर के अन्य हिस्सों में तो नहीं फैल गया है. इसके लिए PET-CT किया जाता है।

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